सिडकुल की एक ही फैक्ट्री में 224 कर्मचारी कोरोना संक्रमित। कंपनी पर मुकदमा
हरिद्वार में सिडकुल की कंपनी हिंदुस्तान युनिलीवर में 224 कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।
लापरवाही बरतने और कर्मचारियों की जान को खतरे में डालने को लेकर पुलिस ने फैक्ट्री प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज किया है। कंपनी में उत्पादन बंद करा दिया गया है और प्रशासन ने जिले के सभी उद्योगों के लगभग 10% कर्मचारियों के टेस्ट कराने के आदेश दिए हैं। प्रशासन के अनुसार अभी 496 सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है। इसके बाद हालात का सही से अंदाजा लगाया जा सकेगा। प्रशासन ने कोरोना के इस विस्फोट से निपटने के लिए 30 टीमें बनाई हैं।
फैक्ट्री मे लिए 1800 सैंपल
युनिलीवर कंपनी में कार्यरत 2500 कर्मचारियों में से अट्ठारह सौ के सैंपल लिए गए हैं जिसमें से 224 पॉजिटिव आए हैं। पॉजिटिव आने वाले कर्मचारी कहां कहां गए और किन-किन के संपर्क में आए हैं तथा जहां-जहां पर इनके आवास हैं, वहां पर भी संक्रमण का आकलन किया जा रहा है। संक्रमित मरीजों को ऋषि कुल और गुरुकुल के अस्पतालों में भर्ती करा कर इलाज दिया गया है। हरिद्वार के जिला अधिकारी सी रविशंकर ने सभी फैक्ट्रियों को अपने 10% कर्मचारियों की जांच निजी खर्चे से निजी लैब में कराने के आदेश दिए हैं।
पूरे जिले मे 58 टीम का गठन
संक्रमण से निपटने के लिए 158 कर्मचारियों की 58 टीमें बनाई गई है जो पॉजिटिव आने वाले कर्मियों की ट्रैवल हिस्ट्री के अनुसार जांच करेंगी। 10% जांच के हिसाब से लगभग 20000 कर्मचारियों की जांच कराई जा सकती है। गौरतलब है कि युनिलीवर फैक्ट्री प्रबंधन ने सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य निर्देशों का पालन न करके कर्मचारियों की जान खतरे में डालने का काम किया है। बताया जा रहा है कि, इस फैक्ट्री में काम करने वाला एक व्यक्ति दिल्ली अपने भाई के पास गया था और उसके भाई को कोरोना पाये जाने पर जब फैक्ट्री कर्मी की जांच कराई गई और अन्य लोगों की भी जांच हुई तो फिर इस संक्रमण के बारे में पता चला। संक्रमण की पुष्टि होने के बावजूद कंपनी में काम चालू रहा। यही हिंदुस्तान युनिलीवर कंपनी की सबसे बड़ी लापरवाही प्रथम सामने आ रही है।