पुनर्वास विभाग व नवोदय नगर विकास समिति के बीच फंसे टिहरी विस्थापित
विस्थापितों के देने पर भी १३ लाख बिजली बिल नहीं कराया जमा, कनेक्शन कटे
हरिद्वार। टिहरी विस्थापित कालोनी, रोशनाबाद में पुनर्वास विभाग द्वारा पानी का टैंक एवं ट्यूबेल बनाया गया था, जो कि रखरखाव एवं संचालन के लिए नवोदय नगर विकास समिति को 11 नवंबर 2014 को दिया गया था। जब स्थानीय लोगों ने पेयजल कनेक्शन के लिए अप्लाई किया तो नवोदय नगर समिति के पदाधिकारियों ने क्षेत्र के लोगों से 5500 रुपये सिक्योरिटी के साथ ही 300 रुपये प्रतिमाह लिए।
तब से लेकर सब ठीक चल रहा था, लेकिन जब गत ७ फरवरी 2018 को ऊर्जा निगम द्वारा बिजली का कनेक्शन काटा गया तो इन लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई। बिजली कट होने से पेयजल आपूर्ति बंद हो गई।
इस पर टिहरी विस्थापित जनकल्याण समिति के पदाधिकारी ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता से मिलने गये तो पता चला कि बिजली का बिल कई वर्षों से वहां जमा ही नहीं हो रहा था, जबकि नवोदय नगर समिति के पदाधिकारी लगातार लोगों से हर महीने पेयजल शुल्क ले रहे थे।
ऊर्जा निगम ने बकाया बिजली बिल जमा कराने का एक महीने का समय दिया है, जो कि लगभग 13 लाख रुपए हैं। नवोदय नगर समिति अब बिल जमा कराने को मना कर रही है।
नवोदय नगर समिति के अध्यक्ष सिंहपाल सिंह सैनी कहते हैं कि ऊर्जा विभाग द्वारा बताया जा रहा १३ लाख रुपए का बकाया भुगतान उनका जिम्मा संभालने से पहले का है और अब उन पर यह थोपा जा रहा है। सैनी का साफ कहना है कि जब से उन्होंने इसकी देखरेख का जिम्मा संभाला, तब से वह बराबर बिजली विभाग को भुगतान करते रहे हैं।
विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता वाई.एस. तोमर कहते हैं कि जब से यहां विद्युत व्यवस्था का संचालन हुआ, तभी से इसके बिलों का भुगतान नहीं हुआ है। अब यह नवोदय नगर विकास समिति और टीएसडीसी को आपस में सुलझाना होगा कि यह बकाया भुगतान कौन करेगा। हमने फिलहाल पानी की मांग को देखते हुए लोगों को आगामी १५ मार्च तक एक माह का समय दिया है कि इस अवधि के भीतर भुगतान किया जाए। अगर नहीं होता है तो एक माह पूर्ण होते ही उक्त कनेक्शन काट दिए जाएंगे।
पुनर्वास के अधिशासी अभियंता आरके गुप्ता कहते हैं कि पुनर्वास ने इसको वर्ष २०१२ में ट्यूबवेल डिविजन रुड़की को स्थानांतरित कर दिया था। अब उनके पास इसका कोई जिम्मा नहीं रह गया है। इसकी विस्तृत जानकारी ट्यूबवेल डिविजन या फिर नवोदय नगर समिति ही दे सकती है।
जब हर तरफ गुहार लगाने के बाद भी स्थानीय लोगों को कहीं उम्मीद की किरण नजर नहीं आई तो टिहरी विस्थापित जनकल्याण समिति का प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में जिलाधिकारी हरिद्वार से मिला। उनकी समस्या सुनकर जिलाधिकारी ने दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। जिलाधिकारी से मिलने वालों में श्याम सुन्दर गुप्ता, जयकिशन न्यूली, अतुल गुसाईं, कुंवर सिंह बिष्ट, शिवचरण सिंह, संदीप शुक्ला, धीरेन्द्र सिंह बिष्ट आदि लोग थे।
समिति के अध्यक्ष अतुल गुंसाई बताते हैं कि पूर्व की समिति में जिन लोगों ने पैसे लिए, किंतु बिल जमानहीं किया, उन पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। स्थानीय ग्रामीण कहते हैं कि उन्होंने तो भुगतान के लिए पैसा दे दिया था, लेकिन अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर उनका बिल जमा नहीं कियाा गया, जिसका परिणाम वे भुगत रहे हैं।
कुल मिलाकर संबंधित सभी अधिकारियों की कहानियां लट्टू की तरह गोल-गोल घूम रही है। साथ ही इस गोलमोल बातों से विस्थापित भी लट्टू की तरह घूमने को मजबूर हैं, लेकिन कहीं से भी यह पता नहीं चल पा रहा कि आखिर इस घोर लापरवाही का जिम्मेदार कौन है, जिसकी मार आम ग्रामीणों पर पड़ रही है।
बहरहाल, यह देखना अब दिलचस्प होगा कि जिलाधिकारी हरिद्वार अपने स्तर से कब तक उक्त मामले की निष्पक्ष जांच करवाते हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर ग्रामीणों की समस्या का समाधान कर पाते हैं।