भूपेंद्र कुमार
देहरादून जीएमएस रोड पर रहने वाली 52 वर्षीय किरण गुप्ता और उनके पति एक स्वस्थ दंपति हैं। किंतु बुरा वक्त बताकर नहीं आता, इसलिए उन्होंने एक बेहतरीन हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले रखी है।
इसके तहत वह पिछले दिनों 12 मई को फुल बॉडी चेकअप के लिए दिल्ली के ‘अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल’ में गए थे। वहां पर उनकी कुछ जांच आदि होनी थी। अचानक जांच करते-करते जांच करने वाले कर्मचारी कहने लगे कि अरे आपका गाल ब्लाडर तो बिल्कुल खराब हो गया है। आपने अभी तक ऑपरेशन क्यों नहीं कराया ! आपको कभी कोई अटैक नहीं आया क्या ! तो दूसरा जांच करने वाला कर्मचारी कहने लगा कि आपके गाल ब्लैडर में फैट जमा हो गया है और यह बिल्कुल सिकुड़ गया है तथा लीवर से चिपक गया है। यदि तुरंत ऑपरेशन नहीं कराया तो बहुत दिक्कत आ सकती है। इतना सुनते ही गुप्ता दंपति का दिल बैठ गया।
जांच रिपोर्ट आई तो उस में भी यही सब लिखा हुआ आया जो जांच करने वाले कह रहे थे रिपोर्ट देखते ही डॉक्टर ने यह भी कह दिया कि आपका तो गालब्लैडर बिल्कुल खराब हो गया है और ब्लड प्रेशर भी काफी बढ़ा हुआ है।
डॉक्टर ने तत्काल ऑपरेशन के लिए लिख दिया। अचानक अच्छे भले दंपति इस तरह की रिपोर्ट और बातों से काफी घबरा गए। किंतु पेशे से एडवोकेट पति ने थोड़ा संयम से काम लिया और कहा कि आज तो नहीं लेकिन वह थोड़ा घर में बता कर आते हैं और तैयारी करके फिर एडमिट हो जाएंगे।
डाक्टर उन्हें डॉक्टर सांत्वना देते हुए कहने लगे ,-“अरे हमारे हॉस्पिटल में इस का बेहतरीन इलाज है और तत्काल भर्ती हो जाओ क्योंकि इसमें आपका कोई खर्च नहीं आएगा, यह सब तो आपके इंश्योरेंस के पैसे से ही हो जाएगा, आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।”
किरण गुप्ता के पति पंकज गुप्ता ने थोड़ी देर सोचा और कल दोबारा आने की बात कहते हुए हॉस्पिटल से निकल गए।
मैक्स हॉस्पिटल में रिपोर्ट बिल्कुल नॉर्मल
दिल्ली में रुकने की बजाए गुप्ता दंपत्ति देहरादून आ गए और सोचा कि ऑपरेशन कराने से पहले अन्य जगह भी यह जांच करा लेते हैं।
यह सोचते हुए वह देहरादून के ‘मैक्स हेल्थ केयर’ में जांच कराने गए तो उनकी रिपोर्ट एकदम नॉर्मल आई।
एक प्रतिशत भी कहीं कोई गड़बड़ी नहीं थी। अब गुप्ता दंपति और भी दुविधा में पड़ गए।
दूसरी जांच मे भी रिपोर्ट नाॅर्मल
उन्होंने सोचा कि देहरादून की रिपोर्ट सही है या फिर दिल्ली की! इसी दुविधा में दो-तीन दिन रहने के बाद उन्होंने एक और जांच दूसरी जगह से कराने की सोची और ‘एडवांस इमेजिंग एंड इंटरवेंशन सेंटर’ में 19 मई को एक और जांच करा ली। उनकी यह रिपोर्ट भी बिल्कुल नॉर्मल आई और डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि अगर कहीं एक प्रतिशत की भी कोई गड़बड़ी होती तो वह बता देते लेकिन कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है।
अब गुप्ता दंपति का माथा ठनका और उन्होंने दिल्ली अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल्स के डॉक्टरों को इस बारे में बताया तो पहले तो वह कहने लगे कि दिल्ली और देहरादून में यही तो फर्क है ! दिल्ली में अति विशेषज्ञ डॉक्टर और अत्याधुनिक मशीनें हैं, इसलिए ऐसी चीजें भी पकड़ में आ जाती है जो कोई और डॉक्टर नहीं देख पाता। किंतु जब गुप्ता दंपत्ति ने कड़ाई से जांच रिपोर्ट में इन अंतरों के बारे में तर्क दिए तो दिल्ली अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल्स के अधिकारी साफ मुकर गए कि उनकी कोई रिपोर्ट उनके सिस्टम में लोड नहीं है और ऐसी कोई रिपोर्ट उन्होंने जारी नहीं की।
गुप्ता दंपत्ति तो थोड़ा सक्षम थे इसलिए उन्होंने दिल्ली हॉस्पिटल की बात मानकर सीधे ऑपरेशन कराने की बजाय देहरादून आ कर दो जांच और करा दी। किंतु उन लोगों का क्या होता होगा जो डॉक्टर की बात को सच मान कर ऑपरेशन करा लेते हैं !
पंकज गुप्ता कहते हैं कि अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल जैसे अस्पतालों का धंधा ही इंश्योरेंस के मरीजों के भरोसे चल रहा है इसलिए वह जरूरत न होने पर भी इस तरह की झूठी रिपोर्ट देकर ऑपरेशन करा लेते हैं।
मरीज भी सोचता है कि पैसे तो देने नहीं पड़ रहे, इसलिए वह इनके झांसे में आसानी से आ जाता है। किंतु यह उदाहरण हेल्थ इंश्योरेंस करके निश्चिंत रहने वाले अन्य लोगों के लिए भी एक सावधान करने वाला उदाहरण है कि वह हेल्थ इंश्योरेंस करके सब कुछ डॉक्टरों के भरोसे ही न छोड़ दें बल्कि अन्य डॉक्टरों से भी राय मशवरा करके निश्चिंत होने के बाद ही ऑपरेशन जैसा विकल्प चुनें क्योंकि ऑपरेशन तो भले ही फ्री में हो जाएगा, लेकिन व्यक्ति को अपने शरीर के एक महत्वपूर्ण अंग से हाथ धोना पड़ सकता है।
बहर हाल इस संवाददाता ने आम पाठकों को सतर्क करने के लिए खबर बनाने के साथ ही ऐसे साजिश रचने वाले डॉक्टरों की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मेडिकल काउंसिल और प्रधानमंत्री भारत सरकार कार्यालय में भी कर दी है।