जगदम्बा कोठारी
पिछले साठ दिनों से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ऋषिकेश के बाहर कृमिक अनशन पर बैठे निष्कासित कर्मचारियों के समर्थन मे और एम्स निदेशक पदमश्री डा. रविकांत के तबादले की मांग को लेकर नवनिर्वाचित नगर निगम मे शहर के सभी राजनीतिक दलों के एकजुट हो जाने से एम्स निदेशक डा. रविकांत की मुश्किलें बढ गयी हैं। डा. रविकांत अपनी मनमर्जी और राजनीतिक रसूख की धौंस दिखाने को लेकर आये दिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित बेरोजगारों के निशाने पर रहे हैं।
प्रदेश का इकलौता एम्स ऋषिकेश अपनी स्थापना से लेकर आजतक विवादों मे ही घिरा रहा है। इस बार तो बात यहां तक पहुंच गयी कि शहर के सभी राजनीतिक दल एकजुट होकर एम्स निदेशक की बर्खास्तगी की मांग पर अड़ गये हैं।नगर की मेयर अनिता ममगाई ने नगर निगम के सभी राजनीतिक दलों के चालिस पार्षदों सहित जनप्रतिनीधियेंकी आपात बैठक बुलायी, जिसमे सर्व सम्मति से एम्स निदेशक के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास कर ‘निदेशक भगाओ-एम्स बचाओ’ का नारा दिया और मुख्यमंत्री से मांग की गयी कि सभी 600 निष्कासित कर्मचारियों की तुरंत बहाली हो, सभी नौकरियों मे 70% प्रदेश के ही बेरोजगारों को दी जाने के साथ ही एम्स मे आजतक हुयी सभी नीयुक्तियों की जांच के लिए एक निष्पक्ष जांच टीम गठित की जाए।
संस्थान के निदेशक डा. रविकांत पर लम्बे समय से ही परिसर मे तानाशाही रवैया रखने और चहेतों को नियुक्तियां प्रदान करने सहित भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। कुछ दिन पूर्व एम्स के बाहर बैठे निष्कासित कर्मचारियों को समर्थन देने के बाद से शहर की पहली और भाजपा महिला मेयर अनिता ममगाई से नाराज निदेशक द्वारा एक बयान देने के बाद खफा मेयर ने सभी चालिस नवनिर्वाचित पार्षदों की बैठक बुलायी और सर्वसम्मति से 6 प्रस्ताव पास किये जिसके मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं।
*1-* निदेशक के खिलाफ निंदा प्रस्ताव
*2-* निदेशक का नगर से संबंधित कार्यक्रमों की उपस्थिती का बहिष्कार
*3-* एक सर्वदलीय संघर्ष समीति बनाई जाएगी
*4-* आउटसोर्सिंग मे 70% नौकरियां स्थानीय युवाओं को दी जाए
*5-* ‘निदेशक हटाओ एम्स बचाओ’ का नारा
*6-* पुराने ठेली वालों के लाइसेंस जारी किये जायें
उक्त प्रस्ताव पास होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर भी कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने डा० रविकांत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिससे निदेशक की मुश्किलें बड़ गयी हैं। वहीं अब मामला मुख्यमंत्री व केन्द्रीय स्वास्थय मंत्री तक पहुंच गया है।
*वायरल वीडियो के बाद से बड़ी तनातनी*
एम्स निदेशक डा० रविकांत का बयान वायरल हो रहा है जिसमे वह महापौर ममगाई पर टिप्पणी करते हुए कह रहे हैं कि
“उनकी इच्छा यह नहीं है कि वो क्या चाहती है। उनकी इच्छा है कि मैं ऋषिकेश की विधायक बन जाऊं। उनकी इच्छा विधायक बनने की है और वो ये जान नहीं रही है कि केंद्र सरकार की नीतियां क्या है। प्रशासन ने अगर कोई एक्शन लिया है। वह इसलिए लिया है कि आपने सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन किया है। 200 मीटर के अंदर आपको आने का अधिकार ही नहीं है। उनको तो जेल होनी चाहिए।”
इसी बयान के बाद से मेयर एम्स के निष्कासित कर्मचारियों के समर्थन मे खुलकर आ गयी और सभी दलों के निशाने पर अब निदेशक हैं। शहर के सभी राजनीतिक दलों ने भी ‘निदेशक हटाओ- एम्स बचाओ’ नारे का समर्थन किया है। अब देखना है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार का इस मसले पर क्या रुख रहता है क्योंकि भाजपा के केन्द्रीय नेताओं एक बड़ा वर्ग निदेशक के साथ है तो पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज अनिता ममगाई के साथ खड़ी है। ऐंसे मे यह स्थिती मुख्यमंत्री समेत भाजपा पदाधिकारियों के लिए गर्म दूध के समान है कि न घूटा जाए न थूका जाए।
*किसने क्या कहा*
“निदेशक की हठधर्मिता हद से बाहर है, जो भी अधिकारी स्थानीय युवाओं का रोजगार छीन रहे हैं जल्द ही उनको राज्य की सीमा से बाहर किया जाएगा। इस विषय मे मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया है, शीघ्र कार्यवाही की उम्मीद है” *महापौर अनिता ममगाई*
“जो लोग पांच बार नर्सिंग के इम्तिहान में फेल हो गए हैं और जो 5 बार क्लेरीकल के इम्तिहान में फेल हो गए हैं और जिनको ऑल इंडिया एग्जाम में लगातार असफलता को देख रहे हैं। वह अलग अलग मिथ्या आरोप लगा रहे हैं। हमको यह हुआ… यह हुआ। आप जब रिटन एग्जाम में फेल हो गए हैं तो आपको नौकरी पर रहने का कोई मौलिक अधिकार ही नहीं है”
*डा० रविकांत निदेशक एम्स ऋषिकेश*
यह लड़ाई स्थानीय लोंगों को बेरोजगार कर रही एम्स निदेशक के तानाशाही रवैया के खिलाफ है। सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर निगम की महापौर का साथ देना चाहिए । पूर्व स्वास्थय मंत्री गुलाम नबी आजाद की 70 प्रतिशत नौकरी स्थानीय युवाओं को देने की घोषणा को अमल मे लाने का काम अधिकारियों का है। कांग्रेस पार्टी निष्कासित कर्मचारियों के साथ रीड की तरह खड़ी है और उनको इंसाफ दिला कर ही रहेगी।
जयेन्द्र रमोला एआईसीसी सदस्य
“निदेशक की बर्खास्तगी और निष्कासित कर्मचारियों की बहाली तक लड़ाई जारी रहेगी। एम्स मे चल रहे भ्रष्टाचार को किसी भी हाल मे बर्दाश्त नही करेंगे।
*मोहित डोभाल नगर अध्यक्ष उक्रांद (युवा प्रकोष्ठ)