कमल जागाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड की विश्वविख्यात नैनीझील के निकासी द्वार को डिजिटिलाइज करने और झील में गिरने वाले नालों में सी.सी.टी.वी.कैमरे लगाए जाने के लिए सरकार से लगभग 78.05 लाख रुपये का बजट आवंटित हो गया है।
ब्रिटिश काल में खोजी गई नैनीझील हमेशा से नैनीताल वासियों की प्यास बुझाते आई है। इसी के पानी को कई बार फिल्टर कर लोगों के पीने के लिए सप्लाई किया जाता है। मानसून में उसके भर जाने के बाद झील के निकासी द्वारों को मैकैनिकल व्हील के माध्यम से कार्मिकों द्वारा गेटों को मैन्युअली(हाथ से)खोला जाता है।
बीती जुलाई के प्रथम सप्ताह में सिचाई महकमे के साथ नैनीताल में प्रवेश करने वाले नालों द्वारा जलस्तर नियंत्रण तथा डिस्चार्ज सम्बन्धित प्रक्रियों की समीक्षा हुई थी, जिसके तहत नैनीझील के किनारे नये गेटों का प्रस्ताव तैयार कर धनराशि उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारी बंसल द्वारा शासन को भेजा गया था।
जिलाधिकारी ने आज बताया कि नैनीझील में स्काॅडा सिस्टम से लेक ब्रिज के अपस्ट्रीम में नये गेटों के निर्माण एवं पुराने गेटों के मरम्मत के लिए शासन द्वारा 78.05 लाख की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
उन्होने कहा कि स्काॅडा प्रणाली वास्तविक समय में आंकणों और सूचनाओ के आधार पर पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण के लिए एक कम्प्यूटरीकृत और एक स्वचालित प्रणाली है। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली युक्त गेटों के स्थापित हो जाने से नैनीझील के गेटों का संचालन तकनीकी दक्षता के साथ किया जा सकेगा और झील के जलस्तर व डिस्चार्ज सम्बन्धित आंकणों को भी प्रदर्शित किया जायेगा।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि झील में गिरने वाले नालों की निगरानी के लिए नाला नम्बर 01, 20, 21 और 23 में सी.सी.टी.वी.कैमरे लगाए जाएंगे । इन नालों में वर्षों से क्षेत्रवासियों द्वारा कूड़ा और मलुवा डालने के आरोप लगते आए हैं। इसपर नजर रखने के लिए दर्जनों सी.सी.टी.वी.कैमेरे लगाए जाएंगे जिसके लिए जिलाधिकारी बंसल ने 15 लाख रुपये की धनराशि अपने विवेकाधीन कोष से जारी किये हैं। इसके साथ ही नैनीदेवी मन्दिर के समीप बोट हाउस क्लब और तल्लीताल में महात्मा गांधी मूर्ति के समीप भी कैमरे लगाये जायेंगे।