सचिवालय के नजदीक की एक शराब की दुकान पर रोज की तरह चहल-पहल थी कि अचानक १५-२० खाकी वर्दी वाले दुकान की तरफ तेजी से लपके। इससे पहले कि वे दुकान तक पहुंचते, शराब विक्रेताओं की नजर उन पर पड़ गई और उन्होंने तत्काल शटर डाउन कर दिए। शराब विक्रेता समझ गए कि रेड पड़ गई है। दुकान के अंदर से वे अपने मालिक को फोन मिलाए जा रहे थे और इधर बाहर से खाकी वर्दी वाले हाथों से दुकान पीट रहे थे। इतने में दुकान के बाहर पहुंच चुके मालिक तुरंत माजरा समझ गए और उन्होंने दुकान खुलवा दी।
दरअसल ये खाकी वर्दी वाले पुलिस के सिपाही नहीं, बल्कि सचिवालय के होमगार्ड के जवान थे, जिन्हें हाल ही में खाकी वर्दी पहनना अनिवार्य की गई है। उनकी छुट्टी शाम ६ बजे होती है और शुरू-शुरू में सीएम ने ६ बजे ही दुकान बंद करने का समय निर्धारित किया था। अब होमगार्ड वाले जल्दी में थे कि कहीं दुकान बंद न हो जाए।