कमल जगाती, नैनीताल
राज्य सरकार ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करके बनाये गए धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए न्यायालय से एक वर्ष का समय मांगा, लेकिन न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायलय के 29 सितम्बर 2009 के आदेश का हवाला देते हुए 23 मार्च 2020 तक सभी अवैध रूप से बने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्चो को हटाने के आदेश दे दिए हैं ।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खण्डपीठ में हुई। पूर्व में न्यायालय ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर सभी राज्यो को निर्देश दिए थे कि वे सार्वजनिक स्थलों और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करके बनाये गए मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च को हटाए, परन्तु अभी तक उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नही किया है । मामले के अनुसार ‘इन द मैटर ऑफ रिमूवल आफ इल्लीगल रिलिजियस स्ट्रेक्चर ऑन द पब्लिक लैंड’ के रुप में न्यायालय ने जनहित याचिका का संज्ञान लिया है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पब्लिक लैंड पर अवैध रूप से बनाये गए मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा को नही हटाया गया है । मामले को न्यायालय ने सुओ मोटो लेते हुए जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया।