देहरादून। वाकई अपने मेयर साहब सुनील उनियाल गामा की बात ही कुछ और। इसीलिए तो वह खासे चर्चित रहते हैं। हाल ही में नगर निगम ने आपदा फंड से एक करोड़ रुपए की मांग की थी, लेकिन यह क्या, जिन्होंने व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए इतनी भारी भरकम राशि की मांग की, वही अब 51 लाख का चैक सीएम साहब को सौंप बैठे। आइए इस पर प्रकाश डालते हैं।
दरअसल देहरादून नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा ने अपने सौ वार्डों में मास्क-सेनिटाइजेशन के लिए तीन करोड़ की मांग की थी। इस पर जिला प्रशासन ने भौहें तरेरी तो गामा ने इसको घटाकर एक करोड़ की मांग कर प्रस्ताव भेज दिया।
मांगे एक करोड़
जाहिर है कि निगम की ओर से धन की कमी होने के कारण ही बजट की मांग की गई होगी। लेकिन जब प्रदेशभर से सीएम राहत कोष में कोरोना की रोकथाम हेतु लोगों व संस्थाओं ने मदद करनी शुरू की तो यह देख मेयर साहब भी स्वयं को नहीं रोक पाए। आखिर उनकी गिनती सीएम के खासे चहेतों में जो होती है! इस पर उन्होंने नगर निगम की ओर से 51 लाख का चैक सीएम राहत कोष के लिए मुख्यमंत्री को सौंप दिया।
दिए 51लाख
बताया गया कि 40 लाख बोर्ड फंड एवं 11 लाख रुपए अधिकारी-कर्मचारियों की ओर से जुटाई गई धनराशि थी।
अब जानकार सवाल उठा रहे हैं कि जब निगम को क्षेत्रवासियों के सेनिटाइजर व मास्क के लिए भी प्रशासन के भरोसे रहना पड़ रहा है तो आखिर राहत कोष में 51 लाख का चैक भेंट कर दानवीर बनने की क्या जरूरत पड़ गई। इससे तो बेहतर यह होता कि यह धनराशि पार्षदों के माध्यम से विभिन्न वार्डों में सीधे तौर पर कोरोना की रोकथान के लिए खर्च की जाती।