कुलदीप एस राणा//
जीरो कट करवाए बाल
बुरी तरह प्रताड़ित किया
प्रथम वर्ष के छात्रों को श्रीनगर तथा देहरादून मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के मामले सामने आए हैं। देहरादून और श्रीनगर आदि मेडिकल कॉलेजों में प्रथम वर्ष MBBS के छात्रों के साथ रैगिंग के नाम पर प्रताड़ना हो रही है और मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन की नींद टूटने को तैयार नहीं है। जब एंटी रैगिंग हेल्पलाइन ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से इसकी पूछताछ की तब जाकर मेडिकल कॉलेज का प्रबंधन जागा और जांच के आदेश दिए । दिल्ली की हेल्पलाइन ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और पौड़ी के एसएसपी से इस बारे में पूछताछ की तब जाकर कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर चंद्र मोहन सिंह रावत ने मामले की जांच के आदेश दिए। देहरादून मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष के छात्रों के बाल जीरो कट करवा दिए गए हैं तथा उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया है कि वह चाहकर भी किसी को कुछ बता नहीं पा रहे हैं। वहीं श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्रथम वर्ष एमबीबीएस के छात्र ने दिल्ली के एंटी रैगिंग हेल्पलाइन को इसकी शिकायत की है। MBBS के छात्रों का कहना है कि उनसे आए दिन मारपीट की जाती है और इससे उनकी पढ़ाई बुरी तरह डिस्टर्ब हो गई है।
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य का कहना है कि फिलहाल छुट्टियां पड़ी हुई है। 20 अगस्त के बाद स्कूल खुलने के बाद इस पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
पौड़ी के एसएसपी जगतराम जोशी ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में कड़ी कार्यवाही की जाएगी तथा दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
दून मेडिकल कॉलेज में नए दाखिल लिए स्टूडेंट्स के बालों की कटिंग को देख कर लगता है जैसे सेना के नए रंगरूट हो , लेकिन ये सेना के रंगरूट नही बल्कि एमबीबीएस की स्टूडेंट
है और छात्राएं दो चोटी में कैंपस में नजर आ रही है, ये अनुशासन के नाम पर कालेज या मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा कोई अनुशासन के आदेश का अनुपालन नही बल्कि रैगिंग के नाम पर सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर से साथ किया गया व्यवहार है। 15 अगस्त के दिन कुलपति डॉ सौदान ने भी जब कैंपस में नए छात्र और छात्राओं को इस प्रकार खड़े देखा तो इस संदेहास्पद स्थिति पर उन्होंने छात्रों से संज्ञान लेते हुए प्रिंसिपल को निर्देशित भी किया। 10 अगस्त को कुलाधिपति राज्यपाल केके पाल ने भी कुलपतियों के साथ मीटिंग में रैगिंग को लेकर चिंता व्यक्त की थी। जिसके बाद निदेशक चिकित्साशिक्षा डाक्टर आशुतोष सयाना ने एक आदेश जारी कर समस्त मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल को राज्यपाल की चिंता से वाकिफ कराते हुए रैगिंग संबंधी किसी भी घटना के न होने को सुनिश्चित करने के आदेश दिए (देखिये आदेश की प्रति संलग्न)। नए छात्रों में प्रकार के व्यवहार के कारण डर और भय का माहौल है।