कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी ने उत्तराखंड कांग्रेस पर मित्र विपक्ष का आरोप परोक्ष रूप से लगाते हुए कहा है कि कई बार ऐसे मुद्दे आए जिन पर भाजपा सरकार को घेरा जा सकता था लेकिन प्रदेश कांग्रेस के नेताओं में आपसी सामंजस्य की कमी के कारण बार-बार यह मौका हाथ से निकलता जा रहा है।
प्रकाश जोशी ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि सही मुद्दों पर सरकार की तारीफ करना जितना अच्छी बात है उतना ही जरूरी विपक्षी पार्टी होने के नाते जब भी सत्ताधारी पार्टी जनहित के मुद्दों की अनदेखी करें और उनके खिलाफ जाकर काम करें तो उनके खिलाफ आवाज उठाना भी कांग्रेस का काम है जो कि सही से नहीं हो पा रहा है। प्रकाश जोशी ने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश से संबंधित एक घटना का हवाला देते हुए बताया कि एक बार जिम संचालकों के किसी मुद्दे पर इंदिरा हृदयेश ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को फोन लगाया लेकिन उनका फोन अटेंड करने वाले व्यक्ति ने बताया कि “इस समय बात नहीं हो सकती क्योंकि त्रिवेंद्र सिंह रावत इस समय बैडमिंटन खेल रहे हैं।”
प्रकाश जोशी ने इस बात पर गहरी निराशा जताई तथा पत्र में लिखा कि कोरोना जैसी महामारी के समय प्रदेश की मुख्यमंत्री का इस तरीके से गैर जिम्मेदाराना ढंग से जवाब देना वाकई गलत है और इस बात को मुद्दा बनाया जा सकता था लेकिन कांग्रेसी इसे मुद्दा नहीं बना सकी, जो कि गलत है।
जोशी ने गिनाया कि अगर यही बात किसी कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने कही होती तो भाजपा इस पर बवाल मचा देती।
प्रीतम सिंह को लिखे पत्र की कॉपी प्रकाश जोशी ने प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदय और प्रदेश महामंत्री विजय सारस्वत को भी भेजी है जो बात पार्टी के फोरम पर उठाई जा सकती थी उसे इस तरह से सार्वजनिक लेटर के माध्यम से उठाकर और इसकी कॉपी प्रदेश प्रभारी तक को करके प्रकाश जोशी मित्र विपक्ष के मुद्दे के आड़ में आखिर क्या चाहते हैं ! बहरहाल इस पत्र पर आने वाले समय में घमासान होना तय है।