कामदेव को हिंदू शास्त्रों में प्रेम और काम का देवता कहा जाता है। ये माना जाता है कि कामदेव बेहद आकर्षक व्यक्तित्व के देवता थे। जिनकी पत्नी का नाम रति और उनका मंत्र ‘काम’ था। गन्ने का धनुष और पुष्पों का तीर लिए कामदेव ने जो काम किए, वो आज भी हिंदू शास्त्रों में लिखित हैं। हिंदू धर्म में कामदेव की खजुराहो में सैकड़ों मूर्तियां आज भी मौजूद हैं। काम का अर्थ कार्य, कामना और काम इच्छा भी है। वह सारे कार्य जिससे जीवन आनंददायक, सुखी, शुभ और सुंदर बनता है और जिससे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
आज देशभर में कांग्रेसजनों द्वारा भारत में सूचना क्रांति के अग्रज स्व. प्रधानमंत्री राजीव गांधी की ७३वां जन्मदिन जोशो-खरोश मनाया जा रहा है। सुबह से राजीव गांधी की मूर्तियों पर पुष्पांजलियों का दौर सोशल मीडिया में बड़े स्तर में ट्रेंड कर रहा है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने राजीव गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राजीव गांधी की तुलना कामदेव से कर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। किशोर उपाध्याय को गांधी परिवार के काफी नजदीक माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि किशोर उपाध्याय को राजनीति की एबीसीडी गांधी परिवार के साथ रहते हुए सीखी। गांधी परिवार से नजदीकी के कारण ही किशोर उपाध्याय को दो बार विधायकी, मंत्री पद, कांग्रेस अध्यक्ष का पद और अब उत्तर प्रदेश में पीआरओ का पद प्रदान हुआ है।
किशोर उपाध्याय द्वारा राजीव गांधी की कामदेव से तुलना के बाद अब राजनैतिक गलियारों में फिर चर्चा शुरू हो गई है कि अपनी सरकार के दौरान बयान देने के लिए फ्रंटफुट पर खेलने वाले किशोर उपाध्याय को आज राजीव गांधी की तुलना कामदेव से करने की क्या आवश्यकता पड़ी!