त्रिवेंद्र सिंह रावत के भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध में उतरे भाजपा के 27 विधायकों के साथ अब कांग्रेस से भाजपा में आए विधायकों ने भी सुर मिलाने शुरू कर दिए हैं। उमेश शर्मा काऊ ने त्रिवेंद्र सरकार की नाकामी गिनाते हुए मुलाकात का समय मांगा है।
कांग्रेस से भाजपा में आए वर्तमान रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर उत्तराखंड के कुशासन पर बेहद तल्ख चिट्ठी लिखी है।
दो पन्नों की इस चिट्ठी में उमेश काऊ ने लिखा है कि वे कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड के संकल्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनकी पार्टी पर विश्वास करके भाजपा में शामिल हुए थे लेकिन विगत 3 सालों से उनकी विधानसभा में सरकार ने कोई विकास कार्य नहीं कराए। इसके कारण जनता में सरकार पार्टी और उनके प्रति उदासीनता बढ़ रही है, जो चिंताजनक है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत और शहरी विकास मंत्री की शिकायत करते हुए काऊ ने लिखा है कि नगर विकास, लोक निर्माण, विद्युत, पेयजल जैसी तमाम विभागों उनके क्षेत्र में बार-बार कहने के बावजूद भी कोई विकास कार्य नहीं कराए हैं।
काऊ ने लिखा है कि उन्हें अत्यंत पीड़ा के साथ कहना पड़ रहा है कि शासन के अधीनस्थ अधिकारी गण आदेशों का पालन नहीं करते।
काऊ ने लिखा कि सरकार और मंत्रियों द्वारा बार-बार अधिकारियों को निर्देशित करने के उपरांत भी आज की डेट तक भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इसके कारण जनता में सरकार पार्टी और उनकी छवि धूमिल हो रही है।
काऊ ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात का समय भी मांगा है, ताकि वह अपने क्षेत्र की समस्याएं विस्तार पूर्वक व्यक्तिगत तौर पर उनके सामने रख सकें।
गौरतलब है कि उमेश काऊ भले ही कांग्रेस से भाजपा में आ गए हो लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत को उमेश काऊ फूटी आंख भी नहीं सुहाते। नगर निगम के चुनाव में काऊ समर्थित प्रत्याशियों के टिकट काटना हो या फिर काऊ के विकास कार्यों पर टांग अड़ाना, त्रिवेंद्र सिंह रावत हर जगह काऊ के आड़े आ जाते हैं।
इसका बड़ा कारण यह भी है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत भी पहले रायपुर विधानसभा से ही विधायक रह चुके हैं और त्रिवेंद्र समर्थकों के अनुसार मुख्यमंत्री फिर से इस सीट से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं।इस तरह के दांवपेंच मे भाजपा और जनता का भी नुकसान हो रहा है।