उत्तराखंड की बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अपने विभागीय सचिव के अपहरण की आशंका जताते हुए कार्यवाही करने के लिए लिखा है।
राज्य मंत्री ने लिखा कि निदेशक से संपर्क नहीं होने के कारण टेंडर को लेकर मिल रही शिकायतों पर जब मंत्री ने निदेशक को फोन लगाया तो उनका फोन बंद था।
फिर क्या था मंत्री ने एसएसपी देहरादून को पत्र लिखकर विभागीय निदेशक के अपहरण की आशंका जताते हुए तत्काल कार्यवाही करने हेतु लिख डाला।
मंत्री ने लिखा कि मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे, जिसमें कुछ शिकायतें की गयी थी।
जब इन शिकायतों के निराकरण के लिए विभागीय निदेशक को फोन मिलाया तो ना तो सचिवालय के ऑफिस में उनसे संपर्क हो पाया और ना ही उनके फोन पर।
उनके फोन भी बंद जा रहे हैं। मंत्री ने लिखा है कि तत्काल इस पर कार्यवाही करते हुए उन्हें भी जानकारी दी जाए।
वी षणमुगम साफ-सुथरी छवि के अफसर माने जाते हैं और मंत्री का विभाग तमाम घोटालों के लिए हमेशा चर्चा में रहता है। मंत्री ने पत्र में उन पर टेंडर घोटालों में अनियमितता और धांधली के लिए जिम्मेदार होने का भी आरोप लगाया है।
ऐसे में राज्य मंत्री के पत्र की यह भाषा बताती है कि विभाग में टेंडर घोटाले को लेकर कुछ बड़ा घालमेल है।
बहरहाल पूरा मामला क्या है यह तो आने वाले दिनों में ही पता लग पाएगा, लेकिन राज्य मंत्री के इस पत्र से कुछ दिनों तक यह मामला चर्चा में रहने वाला है।