शिक्षक ने की छात्राओं से अश्लीलता, विभागीय अधिकारियों ने मामले को दबाया
रिपोर्ट- इंद्रजीत असवाल
पौड़ी गढ़वाल। जब एक शिक्षक ही भक्षक बन जाये तो समाज को कैसी शिक्षा मिलेगी, जो शिक्षक दुसरो को या फिर अपने शिष्यो को अच्छे चाल चलन व आगे बढ़ने की शिक्षा देते हैं जब वो ही खुद भक्षक बन जाए तो क्या होगा ! क्या ऐसे में कोई अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल भेजेगा !
जी हाँ, मामला लैंसडौन विधानसभा के ज़हरीखाल विकासखंड के ग्राम पुंडीर गांव के जूनियर हाई स्कूल पुंडीर गांव का है, जहाँ पर विगत 3 और 4 दिसंबर को एक अध्यापक प्रदीप गुसाई ने दो छात्राओं के साथ अभद्रता की उनके अंगों पर हाथ फेर कर उनसे दुर्व्यवहार किया इस मामले में स्कूल की प्रिंसिपल सुमन काला ने खंड शिक्षा अधिकारी व उच्च अधिकारियों को सूचित किया लेकिन उच्च अधिकारियों के द्वारा इसमे कोई भी कार्यवाही नहीं की गई।
आखिर क्या ऐसे कुकर्मी टीचर को कोई सजा नहीं मिलनी चाहिए ! लेकिन जिन बालिकाओं के साथ अभद्रता हुई, उन बालिकाओं के पेरेंट्स ने उक्त टीचर को सजा दिलाने के बजाय उससे 15 हजार रुपये लेकर उक्त मामले को दबा दिया गया। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि व स्कूल के कर्मचारी भी शामिल हो सकते है। हो सकता है इन बड़े अधिकारियों को भी मामला दबाने के लिये बड़ी रकम मिली होगी जिस वजह से इस महाशय को कोई सजा नही मिली।
अब जब हमारे द्वारा शिक्षक से पूछा गया तो उनका कहना था कि, मुझ पर झूठा आरोप लगाया गया है। अब यदि आरोप झूठा था तो इस शिक्षक ने मामले को दबाने के लिए अभिभावकों को 15 हजार रुपये क्यों दिये !
“मेरे द्वारा उक्त मामले में उसी दिन खण्ड शिक्षा अधिकारी को सूचित कर दिया गया था लेकिन उच्च अधिकारियों के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। – सुमन काला प्रधानाचार्य जूनियर हाईस्कूल पुंडीर गांव