चार साल से पीसीएस भर्ती नहीं। ओवरएज हुए बेरोजगार
उत्तराखंड में भाजपा की सरकार आने के पश्चात से ही पीसीएस परीक्षा पर अघोषित रूप से रोक लगी हुई है। पीसीएस परीक्षा का अंतिम अधियाचन 8 अक्टूबर 2016 को 138 पदों के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार द्वारा जारी किया गया था, जिसे सत्ता में आने के पश्चात भाजपा ने 64 पदों तक सीमित कर दिया था। 4 साल से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद भी अभी तक पीसीएस परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया है, तो वहीं राज्य के तमाम युवा जो राज्य सिविल सेवा में चयनित हो राज्य के विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं। मानसिक अवसाद झेल रहे हैं तथा उनकी उम्र बीती जा रही है।
बता दें कि, राज्य के युवा प्रतिवर्ष अवसरों से वंचित होते जा रहे हैं। यह स्थिति तब है जब राज्य के जाने-माने आंदोलनकारी तथा वर्तमान आप नेता रविंद्र जुगरान इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा चुके हैं तथा सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक के मामला संज्ञान में आने के बावजूद भी अभी तक पीसीएस परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया है। जबकि विभिन्न समाचार पत्रों में अधिकारियों की भारी कमी की खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित भी किया गया है।
इसी को देखते हुए राज्य के युवाओं ने देहरादून में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मिलकर उनको उत्तराखंड पीसीएस की दयनीय स्थिति के बारे में अवगत करवाया तो वही हरिद्वार में रुड़की क्षेत्र के विधायक तथा कलियर क्षेत्र के विधायक से मिलकर भी अभ्यर्थियों ने अपनी समस्या रखी तथा दोनों ही विधायकों ने ठोस आश्वासन दिया कि वे आगामी बजट सत्र में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे तथा सरकार से सवाल करेंगे कि ऐसा क्या हो गया कि 4 साल से पीसीएस परीक्षा का आयोजन ही नहीं किया गया है।