चमोली के सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय ने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के लिए संविदा पर कुछ आवेदन मांगे हैं। इसके लिए उन्होंने जो विज्ञापन निकाला है, इसके अनुसार पांच पास रसोईया को स्नातक तथा बीएड पास टीचर से ज्यादा तनख्वाह दी जाएगी। चमोली के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय घाट में रिक्त पदों पर संविदा के आधार पर चयन किया जाना है। इसके लिए 7 अक्टूबर तक विभिन्न पदों के लिए कुछ आवेदन मांगे गए हैं।
दिलचस्प विज्ञापन के अनुसार गणित भौतिकी तथा रसायन विषयों मे से किन्ही दो विषयों से स्नातक अभ्यर्थी के लिए ₹5000 वेतनमान नियत किया गया है तथा उसे B.Ed होना भी आवश्यक है।
जबकि रसोईया के लिए शैक्षिक योग्यता पांचवी कक्षा उत्तीर्ण मांगी गई है तथा उसका वेतन 5250 नियत किया गया है।
यह विज्ञापन सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना अधिकारी नरेश कुमार द्वारा निकाला गया है। उनके द्वारा श्रम के प्रति ऐसा सम्मान देखकर विज्ञान विषयों से स्नातक B.Ed योग्यता योग्यता धारी बेरोजगारों की आंखों में भी आंसू भर आए हैं।
पहली बार किसी ने श्रम को इतना सम्मान दिया है। यही नहीं इस विज्ञापन में कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए ₹10000 नियत वेतन तय किया है। यह सभी पद केवल महिला अभ्यर्थियों से भरे जाने हैं। सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना अधिकारी नरेश कुमार ने हालांकि पांचवी पास चपरासी और चौकीदारों के लिए वेतनमान B.Ed स्नातक धारी शिक्षकों के बराबर ही रखा है। यानी कि उनका वेतन 5000 तय किया हुआ है। यदि वेतनमान के अनुसार विश्लेषण करें तो रसोईया की योग्यता भले ही 5 पास है लेकिन वह अध्यापकों और चपरासी चौकीदारों से अधिक अधिक सम्मानित है। तथा चपरासी और चौकीदारों का सम्मान भी शिक्षकों के बराबर है।कंप्यूटर ऑपरेटर इन सबसे ऊपर है।
वेतनमान के अनुसार दूसरों को हेय दृष्टि से देखने वाले कर्मचारियों के लिए यह एक सबक भी है। अब देखना यह है कि कौन-कौन इन पदों के लिए आवेदन करते हैं।
जाहिर है कि जब सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना अधिकारी ने यह विज्ञापन निकाला है तो उनसे ऊपर के अधिकारियों ने कुछ होमवर्क तो जरुर किया होगा।
ये पद हर शैक्षिक सत्र में विभाग द्वारा नवीनीकृत किए जाएंगे। बहरहाल वह बधाई के पात्र इसलिए हैं कि उन्होंने इन पदों के लिए कम से कम विज्ञापन तो प्रकाशित किया। एक पहलू यह भी है कि इस आवासीय विद्यालय में 117 छात्राएं अध्ययनरत है। अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि 50 बेड वाले छात्रावास में 117 छात्राएं रह रही है। 15 जुलाई को अव्यवस्थाओं के खिलाफ यह छात्राएं तहसील परिसर में धरने पर बैठ गई थी जिसके बाद कार्यवाही करते हुए प्रशासन ने छात्रावास की वार्डन सहित लेखाकार आदि की संविदा समाप्त कर दी थी। उसके बाद ही यह विज्ञप्ति निकाली गई है। आशंका यह है कि इतने कम वेतन और भेदभाव वाले वेतन के बाद शायद ही कोई आवेदन करें।