इंद्रजीत असवाल
पौड़ी गढ़वाल
पहले झील खैरा सैण ट्रांसफर हो गई थी फिर अचानक एक साल बाद फिर से झील सतपुली आ गई।
कल सतपुली में झील के लिए एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें दशकों से प्रस्तावित झील के लिए नगर वासियो से सिंचाई विभाग ने सुझाव मांगे।
इस बैठक में सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता संदीप कुमार मौर्य के द्वारा सतपुली झील के डी पी आर की विस्तृत जानकारी दी गई ,ओर उनके द्वारा इसकी रिपोर्ट विभागीय सेकेट्री को दे दी गई है जल्द स्वकीर्ति मिलने पर झील निर्माण शुरू होगा ।
यहाँ पर उपजिलाधिकारी सतपुली संदीप कुमार ने कहा कि, झील बनने से नदी किनारे बने होटलों की सीवरेज समस्या हल होगी ।
वरिष्ठ भाजपा नेता झबरा भाई ने कहा कि, झील बनने से बड़ी मात्रा में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। झील बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और युवा होम स्टे योजना की मदद से छोटे छोटे होटल खोलेंगे ।
उन्होंने प्रसाशन से अपील की है कि, जल्द झील निर्माण शुरू किया जाये ।
अब पते की बात, आने वाले 2022 में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं कही ये झील चुनावी लॉलीपॉप तो नहीं !
क्योकि 12 अप्रैल 2017 में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नयार घाटी में झील बनाने की घोषणा की थी जबकि इसका प्रस्ताव कैविनेट मंत्री सतपाल महाराज ने दिया था ।
2018 में नगर पंचायत चुनाव के समय भी माननीय सतपाल महाराज जी ने शीघ्र झील निर्माण की बात कही थी फिर राजनीतिक खटपट के कारण झील खैरा सैण की तरफ सरक गई ,सतपुली झील फिर से प्रस्तावित बनकर रह की गई थी।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बैठक में कहा था कि, सतपुली प्रस्तावित झील से किसी गाँव या कुछ जगह को नुकशान हो रहा है अब झील खैरा सैन में बनेगी ।
और आज फिर से झील मामला अचानक उठ गया या तो क्या त्रिवेंद्र रावत ने झूठ कहा था कि, यहाँ से किसी जगह को नुकसान हो रहा है और यदि सच कहा था तो फिर अब झील के लिए सुझाव क्यो, क्या अब वे गांव खतरे से बाहर हो गए ।
यही वजह है कि, जनता इस झील निर्माण को असमंजस की स्थिति में देख रही है जब झील बनकर तैयार हो जाएगी तभी जनता को यकीन होगा !