खंडूड़ी-कोश्यारी के बाद अब निशंक की बारी
उत्तराखंड में सत्तासीन दलों में शुरू से ही सत्ता की रस्साकसी चलती रही है और वो आज भी बदस्तूर जारी है। डबल इंजन सरकार में हरिद्वार से लगातार चौथी बार विधायक और दूसरी बार काबीना मंत्री मदन कौशिक के साथ-साथ हरिद्वार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड की अचानक से गुजरात विधानसभा चुनाव में ड्यूटी लगने के बाद उत्तराखंड में कयासों का बाजार एक बार फिर गर्म हो गया है कि उत्तराखंड के ये दोनों मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे लोग अचानक सैकड़ों किमी. दूर गुजरात कैसे चले गए।
रमेश पोखरियाल निशंक की गुजराष्ट्र के सौराष्ट्र क्षेत्र में तैनाती है। रमेश पोखरियाल निशंक गुजरात पहुंच चुके हैं और उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया है। रमेश पोखरियाल निशंक के मुख्यमंत्री रहते ही उनसे पहले के मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी और भगत सिंह कोश्यारी को भी इसी प्रकार तमिलनाडु और कर्नाटक भेज दिया गया था। तब राजनैतिक तापमान इस कदर गरमा गया कि भुवनचंद्र खंडूड़ी ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि वे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं और तमिलनाडु जाने का तो सवाल ही नहीं होता। खंडूड़ी की प्रेस वार्ता के बाद न तो खंडूड़ी और कोश्यारी ही तमिलनाडु या कर्नाटक गए। तब भाजपा के हलकों में यह बात पुरजोर तरीके से चलाई जाती रही कि रमेश पोखरियाल निश्ंाक ने उत्तराखंड में स्वच्छन्द होकर काम करने की दृष्टि से मुख्यमंत्री पद के दावेदारों को उत्तराखंड से बाहर भेजने की हाईकमान से प्रार्थना की और उनकी प्रार्थना को तत्काल स्वीकार भी कर लिया गया।
हालांकि डबल इंजन की सरकार में न तो विधायकों की कमी है और न बहुमत की ही, किंतु इसके बावजूद मदन कौशिक और रमेश पोखरियाल निशंक को गुजरात भेजने के एक बार फिर भाजपाई हलकों में चर्चा गरम हो गई है कि आखिर ऐसा कौन सा भय था, जिसके कारण इन नेताओं को उत्तराखंड से चलता कर दिया गया!