सतीश डिमरी, गोपेश्वर (चमोली)
पर्वतजन टीम पहुंची चमोली जिले के स्विंग डूंगरी गांव में जहां कि सिलेंडर फटने से आग में झुलसे पीड़ितों की सुध नहीं ली थी, सरकार ने
दरसअल पर्वतजन की टीम पहुंची चमोली जिले के स्विंग डूंगरी गांव में जो पीड़िता पूजा का मायका है। पूजा के ससुराल मैठाणा गांव में जहां कि सिलेंडर फटने से एक ही परिवार के लगभग छः सदस्य बिजेन्द्र कुमार पुष्पा देवी पूजा प्रिंस राधा कैलाश दृष्टि झुलस गए, जिसमें कि पीड़ितों के हाथ, पैर मुंह तक जल गया है।
तत्कालीन समय मा. मुख्यमंत्री जी ने हेलिकप्टर मंगलवार पीड़ितों को देहरादून इलाज के लिए भेजा। कुछ प्रभावित पीड़ित अभी तक दून हॉस्पिटल में ही जीवन संघर्ष से गुजर रहे हैं। प्रिंस एवं उनकी पत्नी पूजा घर आ चुकी हैं, जो कि वर्तमान में अपने मायके ग्राम स्विंग डूंगरी में हैं।
उनसे पर्वतजन की टीम मिली उनके स्वास्थ्य एवं सरकार द्वारा दी जा रही राहत के सम्बन्ध में। जिसमें कि उनके द्वारा बताया गया कि वर्तमान में वो काफी विषम परिस्थितियों से गुजर रहे हैं , सिलेंडर फटने से उनका सब कुछ तबाह हो गया है, उनके पास कुछ नहीं बचा है।
सरकार पर उनका भरोसा था, कि सरकार द्वारा उनको शीघ्र राहत दी जायेगी, लेकिन पूजा अपना दुख बड़े ही दुखी मन से बयां करती है, कि से सरकार ने अभी तक हॉस्पिटल के बाद न तो कोई सुध ली ना ही कोई राहत दी, हॉस्पिटल में भी उन्हें शुल्क देना पड़ा, वो बहुत ही तंगी हालात से गुजर रहे हैं, जिसमें न सरकार ना ही सम्बन्धित विभागों ने कोई राहत दी। इस निराशा के दंश में वो अपनी समझ खो बैठे हैं। जब चारों तरफ निराशा दिखी तो मीडिया के पर्वत जन के माध्यम से वे अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं।
इस हादसे में उनके समस्त शैक्षिक प्रमाण पत्र भी जल चुके हैं, जिससे कि शैक्षिक प्रमाण पत्रों के बग़ैर रोजगार कैसे प्राप्त होगा, यही चिंता उन्हे सताए जा रही है। उनका कहना है कि जब तक सरकार के द्वारा उन्हें राहत नहीं दी जाती वो कुछ भी करने में असमर्थ हैं, उनके द्वारा मीडिया के माध्यम से अपना दर्द बयां किया गया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि मीडिया, पर्वत जन की ये खबर सरकार पर कितना असर करती है।