स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखण्ड के नैनीताल में बैठकी होली का दौर शुरू हुआ और जहर आलम ने होली का इतिहास बता दिया । आज से राम सेवक सभा में बैठकी होली की शुरुवात हो गई है ।
दिसंबर माह में पड़ने वाले पूष के पहले रविवार को हर वर्ष बैठकी होली की शुरुवात होती है । इस दौरान कला संस्कृति से जुड़े युग मंच और राम सेवक सभा होली महोत्सव की शुरुवात करते हैं। आज बैठकी होली की शुरुवात हुई जिसमें कई गायक और संगीतज्ञ शामिल हुए ।
हिन्दू संस्कृति के अच्छे जानकर आयोजक जहूर आलम ने बताया कि कुमाऊं की होली तीन भागों में मनाई जाती है ।
बैठ होली राग रागिनी पर आधारित होती है और बैठकर गाई जाती है । दूसरी होली गांव की खड़ी होली होती है, ये होली रंग पड़ने से छट्टी तक खेली जाती है ।
तीसरी होली महिला होली है जो बैठकर नृत्य के साथ गाई जाती है । खड़ी होली में नाच गाना होता है, जबकि बैठकी होली में तबले के साथ घर के भीतर बैठकर गायन होता है । ये होली पुष के पहले रविवार से शुरू होकर शिवरात्रि और बसंत पंचमी के दौरान रंग में देखी जाती है और होली महोत्सव में ये अपने पूरे रंग में होती है ।