उत्तराखंड में नौकरशाही इतनी हावी है कि सरकारी ऑफिसर अपने सीनियर ऑफिसर के आदेशों का पालन नहीं करते हैं।
कुछ दिन पूर्व हमने एक खबर अपने पोर्टल के माध्यम से आप सभी तक पहुंचाई थी की “राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट का दौर शुरू” इस प्रकरण में एक और बड़ी खबर निकल कर सामने आई है ,जिसमें पता लगता है कि नौकरशाही उत्तराखंड में किस तरीके से हावी है।
दरअसल,नरेंद्र नगर राजकीय इंटर कॉलेज गजा तहसील के अंतर्गत भाजपा के क्षेत्रीय विधायक सुबोध उनियाल की रैली के दौरान भाजपा के बाहुबली ठेकेदारों वीर सिंह रावत (अध्यक्ष मंडी समिति नरेंद्र नगर) के साले व आदमियों ने गजा से आगे 8 किलोमीटर दावड़ा के समीप लक्ष्मी प्रसाद घिंदियाल जो अपने वाहन से आ रहे थे, उन्हें रोककर लोहे की रॉड से जानलेवा हमला कर दिया,जिसमें वह बुरी तरह जख्मी हो गए।इसके बाद जब पीड़ित पटवारी बमण गांव के पास एफ.आई.आर दर्ज कराने के लिए गए तो पटवारी ने मनमाने ढंग से कार्य किया।
लक्ष्मी प्रसाद के घिल्डियाल के मुताबिक, पटवारी ने दिनांक 11-1-22 को 11:00 बजे सुबह उन्हें अपनी चौकी में बुलाया कि आपके बयान लेने हैं। जब वो अपने दो चाचाओं के साथ उपस्थित भी हो गया तो पटवारी ने चौकी में उन्हें 5:00 बजे शाम तक बैठाए रखा, इसके बाद कहने लगा कि हमारे पास पुलिस पावर नहीं है हमारे बस्ते जमा हो गए हैं तो पीड़ित ने कहा कि अब क्या करना है तो पटवारी कहने लगा कि आप लोगो को मेरे साथ गजा चलना होगा, उसके बाद पटवारी हमें सड़क किनारे खड़ा होने को कहता है और सीधे आरोपित वीर सिंह रावत अध्यक्ष मंडी समिति नरेंद्र नगर के घर पर चला जाता है।
जब पीड़ित पक्ष द्वारा संपर्क किया गया तो पटवारी कहता है कि मैं मीट चावल खा रहा हूं, तुम लोग वहीं पर इंतजार करो ।
इसके बाद हमने तहसीलदार महोदय से संपर्क किया कि मैडम पटवारी एफ.आई.आर दर्ज नहीं कर रहा है। तहसीलदार महोदय ने पटवारी से बात की फिर भी पटवारी ने उनके मौखिक आदेश का पालन नहीं किया और बोला कि “मैं एफ.आई.आर दर्ज नहीं करूंगा।मैडम आप खुद करो और समझौता करने की बात करने लगा।”
इसके बाद पीड़ित सीधे 6:00 बजे के करीब तहसीलदार गजा से मिलने गये तब उन्होंने एफ.आई.आर दर्ज किया।
पटवारी का एफ.आई.आर दर्ज न करना पटवारी की आरोपित से मिलीभगत को जगजाहिर करता है।
अब आगे इसमें देखना होगा कि इस एफ.आई.आर पर किस तरीके से संज्ञान लिया जाता है।