होम स्टे के साथ योगा को जोड़कर पर्यटकों को लुभाने का प्रयास
पुराने घरों को मरम्मत कर पर्यटकों को ठहराने की योजना पर पर्वतजन ने रिवर्स माइग्रेशन पार्ट- 1 शीर्षक मे प्रमुखता से छापी थी खबर !
गिरीश गैरोला/ उत्तरकाशी
गांव मे पुराने मिट्टी पत्थर के घरों को रंग-रोगन कर बिना सरकारी मदद के उत्तरकाशी के पीयूष बनूनी के निजी प्रयासों को होम स्टे के जरिये पर्यटकों को बुलाने की खबर पर्वतजन ने प्रमुखता से छापी थी।इसका संज्ञान लेकर डीएम ने खुद स्वरोजगार के इस क्षेत्र मे पीयूष के इस प्रयास सराहना करते हुए अपने स्तर से हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया है।
स्वास्थ्य ,शिक्षा और रोजगार की तलाश मे पलायन के बाद खाली पड़े पहाड़ के गांवों मे रौनक लौटाने के उद्देश्य से सरकार ने होम स्टे योजना चलायी है। इसमे देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को यहां गांव के प्रदूषण मुक्त वातावरण मे ठहराया जाना था। खाली पड़े इन घरों मे मरम्मत और सुविधा सम्पन्न करने के लिए बेरोजगारों को बैंक ऋण भी दिये जाने का प्रविधान है।
उत्तरकाशी कोटबंगला के पीयूष बनूनी ने बिना सरकारी मदद लिए अपने प्रयास से अपने पुराने घर को आधुनिक सुविधा सम्पन्न किन्तु प्रकृतिक लुक दिया है। पीयूष योगा टीचर भी हैं और इसी के चलते कई देशों की यात्रा भी कर चुके हैं।
होम स्टे योजना के अंतर्गत देशी विदेशी पर्यटकों को प्रकृतिक माहौल मे योगा के साथ पर्यटन पर काम करके पर्यटन की नयी परिभाषा गढ़ने के प्रयास पर उत्तरकाशी डीएम डॉ आशीष कुमार चौहान ने खुद पीयूस के घर पहुंच कर उनकी पीठ थपथपाई है।
पीयूष ने बताया कि पर्यटकों को पहाड़ की समृद्ध संस्कृति और रीति रिवाजों के साथ पहाड़ी गढ़ भोज परोसा जाएगा। इसके लिए उसके घर के पास की जमीन पर पर्यटक खुद जैविक अनाज उत्पन्न करके अपने आंखों के सामने शुद्ध जैविक भोजन तैयार कर सकेंगे।उद्देश्य यह है कि चार धाम यात्रा की भागम-भाग से हटकर पर्यटक कुछ दिन एक ही स्थान पर रुक कर योग के साथ प्रकृति का भी आनंद ले सकेंगे।