रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय, कोटड़ा संतौर, नंदा की चौकी, प्रेमनगर में पंचशील परिचर्चा का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम के संरक्षक डॉ. अतुल कृष्णा, ट्रस्टी आरबीएसएसयू प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. अनु शर्मा, सहायक प्रोफेसर, बिएनवाईएस और विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा उपस्थित थे।
इस मौके पर डॉ. अतुल कृष्ण ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, ”आज स्थिति एसी है कि दुनिया में तमाम लोग आपस में लड़ रहे हैं। इसलिए भगवान बुद्ध ने “सम्यक” शब्द को मूल्यों और जिम्मेदारियों को बहुत महत्व दिया है।
साथ ही वक्ता अनु शर्मा ने बताया कि उनका जन्म ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण वैशाख पूर्णिमा के दिन हुआ था। यह पूरे विश्व में शुभता के साथ मनाया जाता है।
साथ ही विश्वविद्यालय की एक कर्मचारी श्रीमती उर्मिला ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ. नीलिमा चौहान ने धम्मपद का पाठ किया। कार्यक्रम का समापन मिस के.एन. सुमति सिंह द्वारा सामूहिक ध्यान करके किया गया।
इस अवसर पर डॉ. राजेश मिश्रा, डॉ. रूपा हंसपाल, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. गीतिका, डॉ. रामनिवास देशवाल, डॉ. नरेंद्र सिंह सहित विभिन्न संकायों के शिक्षक, कर्मचारी और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे।