प्रौद्योगिकी में हो रहे लगातार बदलावों पर चर्चा करने के उद्देश्य से देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश विदेश के विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं।
संगोष्ठी के उद्घाटन मौके पर उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्रौद्योगिकी विकास में भूमिका निभाने वाले विशेषज्ञों की सराहना की और देश के विकास में उनके योगदान को अविस्मरणीय बताया।
गुरूवार को मांडूवाला स्थित देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ़ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग और स्प्रिंगर की ओर से ‘कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस और स्मार्ट कम्युनिकेशन’ विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का शुभारम्भ हुआ।
सरकारी संस्थान यूकोस्ट और यूएसईआरसी द्वारा प्रायोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने देश के विकास में कंप्यूटर प्रौद्योगिकी के योगदान पर अपने विचार व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि आज के तकनीकी युग में कोई भी देश कंप्यूटर प्रौद्योगिकी के बिना असहाय है,परन्तु प्रसन्नता है कि हमारे देश के कंप्यूटर विशेषज्ञ पूरी दुनिया में राज कर रहे हैं।
उत्तराखंड साइंस एजुकेशन एंड रीसर्च सेंटर की निदेशक प्रोफ़ेसर डॉ. अनीता रावत ने ‘कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस और स्मार्ट कम्युनिकेशन’ की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि आने वाला समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है, इसलिए कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस का महत्व और भी बढ़ जाता है।
सम्मलेन में दुनियाभर के विशेषज्ञों के रीसर्च पेपर इसकी उपयोगिता को सिद्ध करते हैं।
ट्यूनिस, नार्थ अफ्रीका की प्रोफ़ेसर रबेब तुओटी ने मुख्य वक्ता के तौर पर अपने विचार रखे और पूरी दुनिया में कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस और स्मार्ट कम्युनिकेशन में हो रहे लगातार बदलावों पर प्रकाश डाला।
अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के भूतपूर्व कुलपति और इंडिया ग्लायकोल्स के अध्यक्ष डॉ. आरके खंडल ने कहा कि स्मार्ट वो होते हैं जो प्राकृतिक होते हैं।
अब कार्बन को पकड़ने के लिए स्मार्ट बैक्टीरिया इस्तेमाल हो रहे हैं।कई नए स्मार्ट बैक्टीरियाज़ की खोज चल रही है।
देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री संजय बंसल ने युवाओं को ‘कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस और स्मार्ट कम्युनिकेशन’ की दिशा में भविष्य तलाशने के लिए प्रेरित किया।
इसके अलावा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ. प्रीति कोठियाल ने कंप्यूटर प्रौद्योगिकी और संभावनाओं पर छात्रों को जागरूक किया साथ ही शिक्षा क्षेत्र में स्मार्ट कम्युनिकेशन से अवगत कराया।
डीन स्कूल ऑफ़ सीएसई डॉ. रितिका मेहरा ने बताया कि सम्मलेन में देश विदेश से लगभग 300 विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं।साथ ही लगभग 100 रीसर्च पेपर जमा हो चुके हैं।
सम्मलेन का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संजय बंसल और उपकुलाधिपति श्री अमन बंसल की देखरेख में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ. आरके त्रिपाठी, मुख्य सलाहकार डॉ. एके जायसवाल एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
- वेद, ज्योतिष और वेद गणित दिखेगी नयी शिक्षा नीति में
- उत्तराखंड में जुलाई में लागू होगी नयी शिक्षा नीति
देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में ‘कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस और स्मार्ट कम्युनिकेशन’ पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में बोलते हुए राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि जुलाई माह में उत्तराखंड सरकार नयी शिक्षा नीति को लागू करने जा रही है, जिसके अंतर्गत शिक्षा तकनीक को भारतीय संस्कृति के साथ जोड़कर छात्रों तक पहुंचाया जाएगा।
पाठ्यक्रम इस प्रकार होगा जिसमें वेद, ज्योतिष, वैदिक गणित समाहित होंगे।इसके अलावा भारतीय ज्ञान परम्परानुसार रामायण, महाभारत की शिक्षा भी छात्रों को दी जायेगी।
धन सिंह रावत ने कहा कि जब ब्रिटिश काल को पढ़ाया जा सकता है तो वैदिक काल पाठ्यक्रम में क्यों नहीं समिलित किया जा सकता।पाठ्यक्रम में उत्तराखंड राज्य के प्रसिद्ध हस्तियों को शामिल किया जाएगा।
आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्राइमरी स्कूल के अंतर्गत लाया जाएगा और अन्गंबादी शिक्षकों को प्राइमरी में पढ़ाने की शिक्षा दे जायेगी।
वहीं, अब एमबीबीएस की शपथ विदेशी तौर तरीकों से ली जाती थी, परन्तु अब चरक विधि अनुसार शपथ दिलाई जायेगी।
जल्द ही में उत्तराखंड राज्य में प्रत्येक 15 छात्रों पर एक शिक्षक को नियुक्त करने कि प्रक्रिया शुरू के जाएगी| इसके अलावा ‘पीएम श्री’ योजना के तहत विश्वस्तरीय आवासीय विद्यालय निर्मित किये जायेंगे।
यूएसईआरसी की निदेशक प्रोफ़ेसर डॉ. अनीता रावत ने बताया कि 13 जिलों में यूएसईआरसी दस प्रयोगशालाओं को विकसित करने जा रही है ताकि बच्चे प्रयोग आधारित शिक्षा ग्रहण कर सकें।
लैब ऑफ़ फोनेटिक्स को भी विकसित किया जा रहा है।वहीं, वर्चुअल लैब का मॉडल सेंटर यूएसईआरसी को मिलने जा रहा है।