प्रतिनियुक्ति के दौरान उत्तराखंड में अपर सचिव आवास और फिर लाल बहादुर शास्त्री अकादमी मसूरी में विवादित रूबी चौधरी प्रकरण के कारण सुर्ख़ियों में रहने वाले केरल कैडर के आईएएस अधिकारी सौरभ जैन अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहे ।
वर्ष 2009 में उत्तराखंड शासन में अपर सचिव आवास पर रहते उन्होंने MDDA अधिकारीयों पर रौब झाड़ कर जीएमएस रोड मिलन विहार कॉलोनी देहरादून में 183 मीटर और 197 मीटर के दो प्लाट कौड़ियों के भाव अपने नाम करवा लिए थे ।
सौरभ जैन जो आज कल केरल के स्थानिक आयुक्त पद पर दिल्ली में तैनात हैं। MDDA द्वारा उनके प्लाट के सामने दी गयी 30 फुट की सड़क पर कब्ज़ा कर और रजिस्ट्री में दर्शाये गए सड़क मार्ग से विपरीत किसी और दिशा में सड़क निकाल कर ऑफिसर्स AVENUE कॉलोनी के मुख्य मार्ग पर कब्ज़ा कर लिया है।
MDDA अधिकारी भी जनता की न सुनकर उसकी पूरी मदद करने में तैनात हैं ।
यहाँ पहला प्रश्न उठता है की MDDA अधिकारीयों ने उत्तराखंड के ज़रूरतमंद वासियों को सर्किल रेट से कम् प्लाट न देकर मोटी पगार पाने वाले केरल कैडर के आईएएस अधिकारी को किस प्रावधान के तहत यह आवंटन किया है । इसकी विस्तृत जांच हो ।
साथ ही यह भी जांच हो की और किस किस प्राधिकरण से इस अधिकारी ने प्लाट लिए ।
अब चूँकि अतिक्रमण हटाने का काम नगर निगम का है तो नगर निगम देहरादून के पैनल पर मुज़फ्फरनगर के अधिवक्ता सूर्य प्रताप सिंह जो न तो बार एसोसिएशन देहरादून से जुड़े हैं न ही देहरादून कोर्ट परिसर में उनका चैम्बर ही है और नगर निगम के अधिवक्ता होने की शह पर सौरभ जैन के साथ मिलकर इस सारे कार्य को अंजाम दे रहे हैं ।
मिलन विहार आवासीय कल्याण समिति के अध्यक्ष कमांडेंट पदम्श्री कन्हैया लाल पोखरियाल ने मुख्यमंत्री कार्यालय में इस बाबत शिकायत की तो मुख्यमंत्री कार्यालय ने अतिक्रमण से संबंधित मामला होते देख नगर निगम देहरादून को भेज दिया है ।
आखिर में जब नगर निगम देहरादून में कोई काबिल अधिवक्ता नहीं मिल पाया जो मुज़फ्फरनगर से नगर निगम के पैनल पर सूर्य प्रताप सिंह को रखा गया ।
अब देखना है बड़ा दिलचस्प होगा कि सूर्य प्रताप सिंह सरकारी सड़क पर कब्ज़ा करवा कर सड़क को प्लाट में सम्मिलित कर प्लोट को बड़ा कर सौरभ जैन के विवादित प्लाट को बेचने जैसे अवैध कार्यों को करेंगे या फिर कॉलोनी वासियों की मदद करते हुए नगर निगम देहरादून को खुद अतिक्रमण हटाने का आग्रह करेंगे ।
कॉलोनी वासियों का कहना है की सौरभ जैन का लालच बढ़ता जा रहा है । वह अपना रौब न दिखाए और MDDA से मात्र रुपये 3980/ प्रति वर्ग गज़ के हिसाब से ली गयी अपनी भूमि में कुछ भी करे लेकिन अपना गेट सही दिशा में लगाए, सड़क का अतिक्रमण छोड़े ।
ये भी कहा की अगर मुख्यमंत्री स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं होती तो प्रेस वार्ता करेंगे और प्रधानमंत्री कार्यालय को मामला भेज दिया जाएगा ।