मुलायम सिंघ यादव को मरणोपरांत पद्म विभूषण देने का केंद्र सरकार का फैसला अब विवादों में घिरता नज़र आ रहा है।। उत्तराखंड स्टूडेंट फेडरेशन ने इस निर्णय के विरोध में केंद्र सरकार का पुतला दहन किया तथा इस फैसले को वापिस लेने की मांग की । कड़कड़ाती ठंड में बंगाली कोठी चौक में युवाओ ने एकमत होकर सपा संस्थापक को पद्म पुरस्कार देने का विरोध किया । यूएसएफ के स्टेट कॉर्डिनेटर सोमेश बुडाकोटी ने कहा है की यह विषय राजनीति से जुड़ा नही,बल्कि आत्मसम्मान से जुड़ा है और केंद्र सरकार का यह फैसला उत्तराखंड की जनता के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाता है ।। वहीं गढ़वाल संयोजक लूशुन टोडरिया ने कहा है की उत्तराखंड आंदोलन के समय मुजफ्फरनगर में निहत्थे आंदोलनकारीयों पर गोली चलाने के आदेश देने वाले मुख्यमंत्री को पद्म विभूषण देना उत्तराखंड की जनता के जख्मों में नमक छिड़कने का कार्य है । यूएसएफ की सरक्षंक मीनाक्षी घिल्डियाल ने कहा है की 2 अक्टूबर 1994 को जो सलूक महिलाओं एवं आंदोलनकारियों के साथ हुआ वह अभी तक उत्तराखंड की जनता भूली नही है केंद्र सरकार को अपने इस फैसले को तुरंत वापिस लेकर उत्तराखंड की जनता से माफी मांगनी चाहिए।। यूएसएफ के सचिव आशीष नौटियाल ने कहा है अगर सरकार द्वारा इस फैसले को तत्काल वापिस नही लिया गया तो जनता एवं राज्य आंदोलनकारियों को लामबंद करके प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा ।। पुतला जलाने वालो में सुनील मैंदोलिया,राजन नेगी,अभीषेक डंगवाल,मुकेश रावत,महक बिष्ट आदि मौजूद रहे ।।