देहरादून| ज़ायके की जंग में वर्तमान रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी की होटल मैनेजमेंट एंड टूरिज्म टीम ने लिम्का बुक ऑफ़ रेकॉर्ड्स के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है|
बुधवार को देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में आयोजित लिम्का बुक ऑफ़ रेकॉर्ड्स कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की स्कूल ऑफ़ होटल मैनेजमेंट एंड टूरिज्म टीम ने वर्तमान रेकॉर्ड के सामने अपनी चुनौती पेश की| इस दौरान शिक्षक चंद्रमौली ढौंढियाल के नेतृत्व में 11 छात्रों की टीम ने पेशेवर रुख अपनाते हुए अपने हुनर का प्रदर्शन किया| निर्धारित समय में लज़ीज़ डिशेज़ और उनकी विभिन्न वैरायटी की संख्या को मद्देनज़र रखते हुए चुनौती काफी कठिन थी| प्रतियोगिता के शुरुआत में प्रतिज्ञा ली गयी| कुलपति प्रो. डॉ. प्रीति कोठियाल द्वारा हरी झंडी दिखाने के पश्चात बज़र बजते ही चुनौती प्रारम्भ हुयी| हर आधे घंटे पश्चात बज रहा बज़र, धड़कनों को और बढ़ा रहा था| आठवें और आखिरी बज़र के बाद समय समाप्ति की घोषणा हुयी, जिसके पश्चात डिशेज़ की अंतिम गिनती शुरू हुयी| आखिर में चुनौती का परिणाम आते ही देवभूमि की टीम खुशी से उछल पड़ी, क्योंकि “समूह में बने सबसे स्वादिष्ट व्यंजनों” की श्रेणी में विश्वविद्यालय टीम ने पुराने रिकॉर्ड को धराशायी करते हुए 4 घंटे में 1301 डिशेज़ बनाकर लिम्का बुक ऑफ़ रेकॉर्ड्स के लिए अपनी मज़बूत दावेदारी पेश कर दी| इस दौरान, मुख्य अतिथि प्रशासनिक अधिकारी अलोक पांडे ने छात्रों को पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए लिम्का बुक ऑफ़ रेकॉर्ड्स के लिए दावेदारी पेश करने पर बधाई दी और कहा कि जो चुनौती से लड़ा है वही जीत का हकदार बना है| वहीं, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संजय बंसल ने छात्रों और उनको प्रेरित करने वाले शिक्षकों को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं| डीन स्कूल ऑफ़ होटल मैनेजमेंट एंड टूरिज्म डॉ. महेश उनियाल ने बताया की दावेदारी पेश करने बाद एलबीआर के प्रतिनिधि रिकॉर्ड बुक में नाम दर्ज करने के लिए आवश्यक जांच पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे| कार्यक्रम में कई प्रशासनिक अधिकारियों सहित उपकुलपति डॉ. आरके त्रिपाठी, डीन एकेडेमिक्स अफेयर्स डॉ. संदीप शर्मा, मुख्य सलाहकार डॉ. एके जायसवाल, शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे|