कृष्णा बिष्ट
जिस प्रकार एक मशाल हजारों मशालों को रोशन कर सकती है, ठीक उसी प्रकार एक जागरूक इंसान समाज़ को सही दिशा दे सकता है। कुछ माह पूर्व पर्वतजन ने उत्तराखंड के इतिहास मे पहली बार किसी जिलाधिकारी के स्थानांतरण के विरुद्ध जनता को सड़कों पर लामबंद होते देखा था। आखिर होती भी क्यों न, जनता के ये चहेते जिलाधिकारी अपने लगभग सात माह के अल्प कार्यकाल मे ही अपनी रचनात्मक कार्यशैली से बागेश्वर की जनता का मन जीतने मे सफल रहे थे, किन्तु इस से पहले कि उनकी मुहिम परवान चढ़ पाती उनका स्थानान्तरण बागेश्वर से रुद्रप्रयाग हो गया। अब जिलाधिकारी अपनी उन जनसरोकार से जुड़ी रचनात्मक योजनाओं को अपने सहयोगियों के साथ मिल कर रुद्रप्रयाग जिले मे अमली जामा पहनाने मे जुटे हुए हैं।
पहाड़ी क्षेत्रों मे युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता जिस कारण सरकारी
नौकरी का सपना संजोये इन युवाओं को या तो दिल्ली, देहरादून जैसे शहरों का रुख करना पड़ता है, या खुद ही एकलव्य बन लक्ष्य भेदने का प्रयास करना होता है।
किन्तु रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी श्री मंगेश घिल्डियाल ने इन युवाओं का दर्द समझ लगभग तीन माह पूर्व खुद ही इन युवाओं को निशुल्क प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये कोचिंग देने का निर्णय लिया।
इस नेक काम मे उनको जिले मे तैनात ए.आर.टी.ओ श्री पंकज श्रीवास्तव व एस.डी.एम मुक्त मिश्र का भी सहयोग मिलने लगा, ये तीनो किसी तरह अपने व्यस्त दिनचर्या से समय निकाल हफ्ते मे दो-दो दिन सुबह 8बजे से 10 बजे का समय इन युवाओं को अलग–अलग विषय की कोचिंग देते हैं। सोमवार और मंगल के दिन श्री मंगेश राजनीती विज्ञान व भारतीय संविधान तो प्रत्येक बुध और बृहस्पतिवार को एस.डी.एम मुक्त मिश्र भारतीय इतिहास पढाती हैं। वहीं हर शुक्रवार और शनिवार को देहली यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट श्री. पंकज श्रीवास्तव की अर्थ शास्त्र व सामयिकी (करंट अफेयर्स) की क्लास चलती है
इसका व्यापक असर भी दिखने लगा है। जैसे-जैसे लोगों को इस कोचिंग क्लास का पता चल रहा है, वैसे-वैसे हर हफ्ते कोचिंग लेने वाले युवाओं की संख्या मे इजाफा होता जा रहा है।
यहाँ तक कि जो युवा कोचिंग लेने देहरादून गये थे, उनमें से भी काफ़ी युवा देहरादून छोड़ वापस रुद्रप्रयाग आने लगे हैं। हर रोज़ जी.आई.सी इन्टर कालेज़ मे संचालित होने वाली इस कोचिंग मे आज लगभग 50 से 60 युवा पढ़ रहे हैं। जिनमे कालेज मे पढने वाले युवक–युवतियों से लेकर कर्मचारी तक शामिल हैं। उम्मीद है कि इस मुहिम से बहुत जल्द जिले के अन्य अधिकारी भी स्वैच्छा से जुड़ने लगेंगे। युवाओं के इस जोश को देख उन्हे पढाने वाले भी काफ़ी उत्साहित हैं।
यही नहीं जिलाधिकारी श्री. मंगेश घिल्डियाल ने आश्वाशन दिया है कि उन का प्रयास रहेगा कि भविष्य मे भी बगैर किसी बाधा के ये कोचिंग क्लास यू ही निरंतर चलती रहे। इन अधिकारियों का प्रयास वाकई काबिले तारीफ़ है। आज अगर इस प्रकार के अधिकारी उत्तराखंड के हर जिले को मिल जाये तो सचमुच उत्तराखंड की तकदीर व तस्वीर दोनों ही बदल जाये।