स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- ऊत्तराखण्ड के हल्द्वानी में रहने वाले आर.टी.आई.एक्टिविस्ट हेमंत गौनिया ने सुप्रीम कोर्ट के गठन से अबतक दर्ज हुए मामलों की संख्या के साथ उनके निस्तारण और लंबित होने की संख्या पूछी जिसपर न्यायालय से जवाब में कुल दस लाख छियानब्बे हजार, तेईस(10,96,023)मामले बताए गए।
केंद्रीय जन लोक सूचना अधिकारी के माध्यम से दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश कार्यालय से 18 मार्च 2023 को एक आर.टी.आई.द्वारा जानकारियां ली गई। इसमें बिंदु संख्या(1) भारत में सुप्रीम कोर्ट गठन से लेकर अब तक कितने मामले आपके न्यायालय में दर्ज हुए उनकी संख्या सत्यापित कर सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। बिंदु संख्या(2) भारत में सुप्रीम कोर्ट गठन से लेकर अब तक आपके न्यायालय में कितने मामले लंबित पड़े हुए हैं उनकी संख्या सत्यापित कर सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। बिंदु संख्या(3) भारत में सुप्रीम कोर्ट गठन से लेकर अबतक आपके न्यायालय में रखरखाव कार्यालय व्यय बिजली पानी के बिलों का भुगतान अन्य खर्ची के लिए शासन से कितना बजट मिला कितना खर्चा हुआ कितना शेष रहा संपूर्ण विवरण सत्यापित कर सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध कराए और बिंदु संख्या(4) भारत में सुप्रीम कोर्ट गठन से लेकर अब तक आपके न्यायालय में किन-किन विषयों के मामले सबसे अधिक आए और इनमें कितनी कमी आई कितनी बढ़ोतरी हुई इसका संपूर्ण विवरण सत्यापित कर सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध कराए।
इसके उत्तर में 25 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट की अडिशनल रजिस्ट्रार और सी.पी.आई.ओ.हिमानी सरद के हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया कि बिंदु संख्या(1) 1990 के दशक के अंत में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कम्प्यूटरीकरण शुरू होने के कारण आपके द्वारा मांगी गई जानकारी को उस तरीके से नहीं रखा जाता है। हालाँकि, 5 अप्रैल 2023 तक एकीकृत मामला प्रबंधन सूचना प्रणाली (ICMIS)में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल 2023 तक भारत के सर्वोच्च न्यायालय में दायर मामलों की संख्या 10,96,023 है। बिंदु संख्या(2) 1990 के दशक के अंत में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कम्प्यूटरीकरण शुरू होने के बाद से आपके द्वारा मांगी गई जानकारी का रखरखाव नहीं किया जाता है। हालाँकि, इंटीग्रेटेड केस मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (ICMIS) में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार एक अप्रैल 2023 तक भारत के सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मामलों की संख्या 68,847 है। बिंदु संख्या(3) आपके द्वारा मांगी गई जानकारी के अनुसार जानकारी का रखरखाव नहीं किया जाता है। उक्त व्यय विवरण अलग से नहीं रखा जाता है। हालांकि, वर्षवार बजट विभिन्न मदों के तहत आवंटन और व्यय w.e.f. वित्तीय वर्ष 2011-12 उपलब्ध है। भारत के सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर लें। www.sci.gov.in लिंक के तहत “महत्वपूर्ण लिंक” और फिर “बजटीय आवंटन”। बिंदु संख्या 4 जानकारी आपके द्वारा मांगी गई जानकारी के अनुसार नहीं रखी जाती है।