‘माटी को नमन वीरों को वंदन’ करती अमृत कलश यात्रा जहां से भी गुज़री हर कोई ‘मेरी माटी मेरा देश’ से भरे जज़्बातों में डूबा नज़र आया। मौक़ा था देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में आयोजित भव्य अमृत कलश यात्रा और अमृत वाटिका स्थापना कार्यक्रम का, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और विश्वविद्यालय कर्मियों ने ‘पंच प्रण’ लेकर देश के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास कराया।
भारत सरकार द्वारा अमृत कलश यात्रा अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत पूरे देशभर की 7500 ग्राम पंचायतों के चयनित 7500 कलशों में आने वाली मिट्टी और पौधों से दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के पास अमृत वाटिका का निर्माण किया जाएगा, जो ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की मिसाल पेश करेगी। इसी कड़ी में शुक्रवार को मांडूवाला स्थित देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के एनएसएस प्रकोष्ठ के दिशा निर्देश पर अमृत कलश यात्रा का आयोजन किया गया। इस दौरान, छात्रों से लेकर शिक्षक और अन्य कर्मियों द्वारा अपने घरों से लायी गयी मुट्ठी भर मिट्टी और चावलों को अमृत कलश में डाला गया। इसके पश्चात अमृत कलश यात्रा निकाली गयी और अगले पड़ाव में इस अमृत कलश को सहसपुर ब्लॉक अधिकारी को सौंपा जाएगा और फिर राज्य भ्रमण के पश्चात ये अमृत कलश दिल्ली की यात्रा पर निकल पडेगा, जहां राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के पास अमृत वाटिका में मिलकर अमृत कलश यात्रा संपन्न होगी। वहीं, कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में 75 पौधे रोपे गए और इसका नाम पड़ा अमृत वाटिका। वहीं छात्र, शिक्षक और विश्वविद्यालय कर्मी पंच प्रण का हिस्सा भी बने, जिसके अंतर्गत सभी ने ‘मेरी माटी मेरा देश’ के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास कराते हुए पांच प्रतिज्ञा लीं। इस दौरान विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रीति कोठियाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन सभी देशवासियों को धरती से जोड़े रखने और माटी के क़र्ज़ को सदैव याद दिलाने को प्रेरित करते हैं। विश्वविद्यालय का सौभाग्य है कि हम अमृत कलश वाटिका का हिस्सा बने। इस दौरान डीन छात्र कल्याण दिग्विजय सिंह, कार्यक्रम अधिकारी भूपेंद्र कुमार, गुंजन भटनागर सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्ति, शिक्षक व छात्र उपस्थित थे।