ऊर्जा निगम की ओर से प्रदेश के उपभोक्ताओं को करीब 26 करोड़ रुपये वापस लौटाया जाएगा। फ्यूल एंड पावर परचेज कास्ट एडजेस्टमेंड (एफपीपीसीए) की नई व्यवस्था के तहत उपभोक्ताओं से बिजली बिल में वसूली गई अतिरिक्त धनराशि को लौटाया जा रहा है।
नई व्यवस्था में हर माह बिजली खरीद की दर और फ्यूल चार्ज को उपभोक्ताओं के बिल में समायोजित किया जा रहा है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने कुछ माह पूर्व ही वार्षिक विद्युत टैरिफ में यह संशोधन किया था।
ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि समस्त बिजली उपभोक्ताओं के बिजली बिल में एफपीपीसीए लागू किया गया है। ऊर्जा निगम की ओर से विभिन्न स्रोतों से की जाने वाली बिजली खरीद में फ्यूल चार्ज व पावर परचेज चार्ज देना पड़ता है। जिसे पहले प्रत्येक तीन माह में उपभोक्ताओं के बिल में जोड़ा जाता था। अब उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की अनुमति लेने के बाद निगम की ओर से यह प्रत्येक माह बिल में जोड़ने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। इसमें जिस माह बिजली खरीद व फ्यूल कास्ट अधिक होगी तो उपभोक्ताओं के बिल में उसी आधार पर वृद्धि की जाएगी, जबकि, किसी माह कास्ट कम होने पर उपभोक्ताओं को रिबेट दी जाएगी। बीते अगस्त माह में ऊर्जा निगम की ओर से की गई बिजली खरीद औसत से कम दरों पर पड़ी। जिसके कारण अब इस कमी को उपभोक्ताओं के बिल में समायोजित किया जा रहा है। इसी क्रम में उपभोक्ताओं को करीब 26 करोड़ रुपये की रीबेट दी जाएगी। प्रदेश में करीब 26 लाख बिजली उपभोक्ता हैं।
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श्रेणीवार दी जाएगी इतनी रिबेट
बीपीएल, सात पैसे प्रति यूनिट
सामान्य घरेलू, 17 पैसे प्रति यूनिट
अघरेलू, 25 पैसे प्रति यूनिट
सरकारी संस्थान, 24 पैसे प्रति यूनिट
एलटी इंडस्ट्री, 23 पैसे प्रति यूनिट
एचटी इंडस्ट्री, 24 पैसे प्रति यूनिट
मिक्स लोड, 22 पैसे प्रति यूनिट
(यह रिबेट प्रति किलोवाट पर निर्धारित है।)