मशरूम गर्ल्स के नाम से उत्तराखंड की ब्रांड एंबेसडर के रूप में प्रसिद्ध मशरूम गर्ल्स के घर के बाहर एक तख्ती लगी रहती है, जिस पर लिखा है,-” इस घर के कुत्ते तो ठीक है लेकिन मालिक पागल है।”
दरवाजे पर सौम्या फूड लिमिटेड की तख्ती भी लगी है। आइए जानते हैं सौम्य फ़ूड और उनके मालिकों की एक और असलियत।
दिव्या रावत और उनकी बहनों ने बाहर भले ही जितना नाम कमाया हो, लेकिन संभवतः प्रसिद्धि के साथ वांछनीय विनम्रता मे वे कृपण रह गए । आस-पड़ोस के लोग उनसे बेइंतहा नफरत करते हैं। संस्थान के नाम की तरह सौम्यता तो दूर-दूर तक नजर नहीं आती।
इसके पीछे का खौफनाक सच यह है कि दिव्या रावत की बहनें अपने आस पड़ोस के लोगों के साथ न सिर्फ बदतमीजी से पेश आती हैं, बल्कि मार-पिटाई और अश्लील गाली गलौज से भी पीछे नहीं हटती।
बात-बात में आसपास की सीधी साधी पहाड़ी महिलाओं को यौन सूचक गालियां देना और घर में घुस कर मार पिटाई करना इनकी आए दिन की आदत है। कुछ दिन पहले मशरूम गर्ल के नाम से पहचान रखने वाली दिव्या रावत ने एक दिसंबर को अपने कुत्ते को लेकर हुए हंगामे मे पास पड़ोस के लोगों की शिकायत पुलिस में की तो एक बार फिर से लोगों का ध्यान इनकी ओर गया और दूर से इनके काम से इन्हे जाननेवाले लोगों की काफी सहानुभूति भी दिव्या रावत के साथ जताई गई।
मीडिया ने दिव्या रावत के साथ हुई बदसलूकी को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया और 2 दिन बाद अखबारों की सुर्खियों से हटते ही लोग इस किस्से को भूल गए। पर्वतजन को पहले दिन से ही यह लगता था कि इस पूरे प्रकरण में दूसरे पक्ष की बात मीडिया में नहीं उठाई गई। हकीकत जानने के लिए पर्वतजन की टीम दिव्या रावत के गांव में गई और आस-पास के लोगों से इस प्रकरण के बारे में जानकारी जुटाई तो पर्वतजन भी हक्का-बक्का रह गया।
दिव्या रावत के आसपास के लोगों ने पर्वतजन को कुछ ऐसी वीडियो बताई जिससे साफ पता चलता है की दिव्या रावत की बहनें किस तरह से अपने आस पड़ोस की सीधी-सादी पहाड़ी महिलाओं को आतंकित करके रखती हैं। पर्वतजन ने इन सभी महिलाओं से बात की।
यह महिलाएं अधिकांश किराए पर रहती हैं और उनके पति कहीं फौज में या अन्यत्र जॉब में है और उन्होंने बच्चों की पढ़ाई के लिए देहरादून में यह कमरे किराए पर लिए हुए हैं। वह लोग किराएदार होने के कारण दिव्या रावत का खौफ सहने के लिए इसलिए भी मजबूर हैं कि एक तो दिव्या रावत की बड़े-बड़े लोगों तक पहुंच होने के कारण इन महिलाओं की कहीं सुनवाई नहीं होगी और दूसरा कोई बवाल होने पर मकान मालिक भी इन्हें कमरा खाली करने के लिए कह सकता है।
पर्वतजन ने इन सभी महिलाओं से जो बात की इससे यह पता चलता है कि सौम्या फूड प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी चलाने वाली दिव्या रावत और उनकी बहने कुछ कुत्ते पालती हैं जो बेहद खतरनाक हैं और सड़क से गुजरने वाले लोगों के पीछे काटने के लिए दौड़ते रहते हैं। यदि इन्हें रोका टोका जाए तो यह बहनें बाकायदा अश्लील गालियां देते हुए मरने-मारने पर उतारू हो जाती हैं तथा अपनी पहुंच का हवाला देते हुए मार कुटाई तक कर डालती हैं ।
घटना वाले दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ स्कूल जा रहे एक बच्चे को काटने के लिए दिव्या रावत का कुत्ता दौड़ा तो उसकी मां तेजी से अपने बच्चे को बचाने आई और सिर्फ इतना ही कहा था कि अपने कुत्ते को घर के अंदर बांध के रखा करो, बस फिर क्या था ! दिव्या रावत की बहनों ने बात का बतंगड़ बना दिया और आस-पड़ोस की महिलाओं को बाकायदा घर में घुस कर मारा।
दरवाजे खिड़कियां तोड़ डाली, गमले और बाल्टियां आदि भी नष्ट कर दी। जब आसपास के लोग उनके समर्थन में आए और उन्हें लड़ाई- झगड़ा न करने के लिए कहने लगे तो यह बहनें पुलिस की मौजूदगी में ही सबसे उलझ पड़ी।
पर्वतजन अपने पाठकों के सम्मुख उचित विश्लेषण के लिए दिव्या रावत की बहनों का गाली-गलौज से संबंधित वीडियो और गांव की महिलाओं से बातचीत के दौरान रिकॉर्ड किया गया वीडियो प्रस्तुत कर रहा है। आप देख सकते हैं कि मशरूम गर्ल के नाम से प्रसिद्ध यह बहनें अपने आस-पास किस तरह का तांडव मचा कर रखती हैं। पर्वतजन की टीम लगभग पूरे गांव में घूमी लेकिन इन्हें दिव्या रावत का एक भी प्रशंसक नहीं मिला।
शौर्य चक्र विजेता तथा मोहल्ले की समिति के अध्यक्ष जगमोहन सिंह बिष्ट कहते हैं कि बहनों से दुर्व्यवहार तो दूर कोई उनके व्यवहार के कारण उनके घर की तरफ जाने तक की हिम्मत नहीं करता।
अर्जुन कश्यप कहते हैं कि एक बार वह शादी समारोह में जा रहे थे, सड़क से गुजरते हुए बाहर खड़ा उनका एक कुत्ता उनकी ओर लपक गया और उसे पांव पर पकड़ लिया था। जब उन्होंने कुत्ते को बांधने के लिए कहा तब भी इन बहनों के दुर्व्यवहार के खासे शिकार हुए।
स्थानीय ग्राम प्रधान नवीन क्षेत्री कहते हैं कि कोई भी उनसे कोई मतलब नहीं रखता। बल्कि उनके कुत्तों के खौफ के कारण कोई उस गली से भी स्कूल नहीं जाता बच्चे 1 किलोमीटर अधिक फासला तय करके दूसरे रास्ते से स्कूल जाते हैं।
पर्वतजन ने मौके पर मौजूद लोगों से बात की तो पता चला कि 5-6 महीने पहले इन बहनों ने रामू और इंद्रपाल नाम के स्थानीय व्यक्तियों को उनके घर में घुसकर मारा था। पड़ोस में रह रहे एक बिहारी परिवार को भी बाकायदा घर में घुस कर पिटाई कर डाली। गांव में रै सिंह रावत के मकान में एक मुसलमान व्यक्ति किराए पर रहता है,तथा उनका लड़का दिव्या रावत के संस्थान में कार्य करता है जब रै सिंग रावत ने मुस्लिम युवक से अपने घर की जरूरत बताते हुए कमरा खाली करने के लिए कहा तो दिव्या रावत मुस्लिम युवक के समर्थन में आकर रावत परिवार के खिलाफ ही हमलावर हो गई। नतीजतन आज उसने मकान कब्जा लिया है। पूर्व फौजी रै सिंह रावत कहते हैं कि इन बहनों से तो पूरा गांव त्रस्त है।
स्थानीय समाजसेवी श्री अजय कहते हैं कि वह राष्ट्रपति से और राज्यपाल से इनको दिए हुए सभी उपाधियां और पुरस्कार वापस लेने की मांग करेंगे। बंगाली कोठी चौक पर रेस्टोरेंट चलाने वाले देव सिंह पवार कहते हैं कि एक बार अपनी पत्नी के साथ वहां से बाइक पर गुजर रहे थे कि दिव्या रावत के कुत्ते ने उन्हें हमला करके गिरा दिया। जब उनकी पत्नी ने कुत्ते को पत्थर से भगाना चाहा यह बहनें बाहर आ गई और उनसे बुरी तरह उलझ गई कि पुलिस केस कर दिया।
जाहिर है कि पर्वतजन ने गांव के लोगों से जितनी भी बात की, उससे इतना तो खुलासा हो ही गया कि जितना बताया गया था सच वहां तक सीमित नहीं है। हकीकत यह है कि गांव वाले दिव्या रावत और उसकी बहनों की बदतमीजी से बुरी तरह त्रस्त हैं लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही। बहरहाल आप भी इन दोनों वीडियो को देखें और विश्लेषण करें और अपनी राय जाहिर करें।आखिर चमकदार मुखौटे के पीछे का चेहरा इतना खौफनाक कैसे हो सकता है भला !