उत्तराखंड शासन ने लोक नीर्माण विभाग (लोनिवि) के दो अभियंता को निलंबित कर दिया।
निलंबन की कार्रवाई लोनिवि अस्थाई खंड के अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार व राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता विजय कुमार पर की गई है।
इन दोनों पर सड़कों की मरम्मत, चौड़ीकरण आदि के कार्यों में लापरवाही बरतने का आरोप है। साथ ही संबंधित अधिशासी अभियंताओं पर शासन की विभिन्न बैठकों में प्रतिभाग न करने और निर्देशों की अवहेलना का भी आरोप है।
शासन के निलंबन आदेश के मुताबिक उच्च न्यायालय, उत्तराखंड नैनीताल के तत्वावधान में उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक अकादमी (उजाला), भवाली में दिनांक 30 सितंबर 2003 को प्रस्तावित रीजनल कॉन्फ्रेंस, जिसमें उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्तिगण एवम् अन्य उच्च न्यायालयों के न्यायमूर्तिगणों के साथ ही राज्य सरकार के विशिष्ट अथितियों द्वारा प्रतिभाग किया गया था।
अतिविशिष्ट कार्यक्रम के दृष्टिगत सड़कों के सुधारीकरण/गड्ढामुक्त किए जाने के कार्यों में बरती गई शिथिलता तथा शासन स्तर पर आहूत बैठक में प्रतिभाग नहीं किए जाने विषयक लापरवाही के कारण विजय कुमार, अधिशासी अभियंता राजमार्ग खंड, लोक निर्माण विभाग, हल्द्वानी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर क्षेत्रीय कार्यालय, लोक निर्माण विभाग में संबंद्ध करते हुए नियमानुसार अनुशासनिक कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है।
इसी तरह केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि (CRIF) के तहत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021 में स्वीकृत जोगीवाला-लाडपुर-रायपुर रोड- सहस्त्रधारा कासिंग होते हुए खैरी मानसिंह के निकट तक मार्ग के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकर्ण कार्य हेतु शासन द्वारा दिनांक 27-10-2021 को प्रदत्त वित्तीय स्वीकृति के बावजूद एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बाद भी यूटिलिटी शिफ्टिंग (विद्युत लाईन, पेयजल लाईन आदि) के समस्त आगणन शासन को उपलब्ध नहीं कराए गए। जिससे मार्ग रुकावट मुक्त (Free from all encumbrance) नहीं होने के कारण उक्त महत्वपूर्ण मार्ग के चौड़ीकरण कार्य में अत्यधिक विलंब किए जाने तथा शासन स्तर पर आहूत विभिन्न बैठकों में प्रतिभाग नहीं किए जाने के कारण धीरेंद्र कुमार, अधिशासी अभियंता अस्थाई खंड, लोक निर्माण विभाग, ऋषिकेश को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागाध्यक्ष कार्यालय, देहरादून में संबंद्ध करते हुए नियमानुसार अनुशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।