उत्तराखंड में युवाओं के अंदर उद्यमिता कौशल विकसित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार की पहल पर, राजकीय महाविद्यालय चौबट्टाखाल, पौडी गढवाल में उद्यमिता केन्द्र की स्थापना की जा रही है।
इसकी स्थापना से पूर्व नोडल अधिकारी डा0 श्रवण कुमार को भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआइआइ) अहमदाबाद, गुजरात, प्रशिक्षण में उद्यमिता मेंटरशिप, कम्युनिकेशन स्किल, फाइनेंस, इनोवेशन एवं स्टार्टअप आदि से सम्बन्धित प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
छात्र-छात्राओं को उद्यमी बनाने एवं उद्यमिता कौशल निखारने के लिए, युवाओं का उत्तराखंड से पलायन रोकने के साथ-साथ उनके रोजगार की दिशा में यह योजना मील का पत्थर साबित होगी।
मार्च 2024 तक भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद और राज्य के क्षेत्रीय उद्यमिता केन्द्र देहरादून के तत्वाधान में राजकीय महाविद्यालय चौबट्टाखाल, पौडी गढवाल में उद्यमिता केन्द्र की स्थापना की जा रही है। विद्यार्थियों को उद्यमशील बनाने के लिए 40 बूट कैम्प शिविरों का आयोजन कालेज स्तर पर किया जायेगा, प्रत्येक बूट कैम्प में 250 विद्यार्थियों के प्रशिक्षण की योजना है। इसके लिए पंजीकरण आरम्भ कर दिये गये हैं। डा0 सुनील कुमार, डा0 हेमन्त जोषी, डा0 प्रवीण कुमार डोभाल, डा0 नम्रता सिंह पंवार, श्रीमती रितु टम्टा, श्री धनंजय त्रिपाठी, डा0 भरतपाल सिंह, डा0 रणजीत कुमार, श्री अतुल बलूनी,श्री रविन्द्र सिंह रावत, श्री हरीश चंद, श्री भगत कुमार, श्री प्रदीप सिंह आदि भी केन्द्र स्थापित करने में नोडल अधिकारी का सहयोग कर रहे हैं।
प्राचार्य डा0(प्रोफे0) विमल कुकरेती राजकीय महाविद्यालय चौबट्टाखाल,- ‘‘महाविद्यालय में देवभूमि उद्यमिता की स्थापना की जा रही है। इसके लिए डाॅ. श्रवण कुमार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। वह भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद गुजरात में आयोजित फैकल्टी मेंटल डेवलपमेंट कार्यक्रम में भाग लेकर वापस लौट आए है। महाविद्यालय को प्रशिक्षित नोडल अधिकारी मिलने से यह महत्वकांक्षी योजना सफलतापूर्वक लागू की जा सकेगी‘‘
डाॅ. श्रवण कुमार नोडल अधिकारी राजकीय महाविद्यालय चौबट्टाखाल- ‘‘योजना को लेकर 20 बिंदुओं पर आधारित एक्सन प्लान प्रार्चाय के दिशा निर्देश में तैयार किया जा रहा हैं। प्राध्यापकों , विद्यार्थियों से पहले चरण की बातचीत के साथ योजना के अंतर्गत अवेयरनेस प्रोग्राम , बूट कैंप, प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर नए बिज़नस आईडिया की पहचान, न्यू स्टार्ट अप, उत्पाद की ब्रांडिंग की जा सकेगी। योजना में नियमानुसार फंडिंग भी उपलब्ध कराई जानी है।‘‘