विशाल सक्सेना
केदारनाथ धाम में कुछ दिनों पहले सेना के हेलीकॉप्टर चिनूक से दो थार गाड़ियां पहुंचाई गई थीं, जिस वक्त थार को केदारनाथ में उतारा जा रहा था उस वक्त इसका खूब विरोध हुआ और सोशल मीडिया पर खूब वीडियो वायरल भी हुई थी ।
लेकिन प्रशासन ने ये कहकर मामला शांत करवा दिया कि यह गाड़ियां दिव्यांग और मरीजों को लाने और ले जाने के लिए लाई गई हैं।
हालांकि आज एक वीडियो सामने आने के बाद प्रशासन के दावों पर बड़े सवाल खड़े होने लगे, केदारनाथ धाम से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसमें देखा गया कि थार गाड़ी से कुछ परिवारों को आवाजाही करवाई जा रही है ।
लोग सवाल उठाने लगे कि लगभग एक हफ्ते पहले यह गाड़ियां ये कहकर लाई गई थीं कि असहाय और मरीजों के लिए वरदान साबित होंगी लेकिन क्या ये गाड़ियां वीआईपी लोगों के लिए मंगवाई गई हैं?
वहीं इस वीडियो के सामने आने के बाद सरकार और प्रशासन सवालों के घेरे में खड़ी हो गई। वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगी, लोग सवाल करने लगे कि क्या इस कार्य के लिए यह गाड़ियां केदारनाथ भेजी गई थीं अब शासन ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया जारी की है।
इस पूरे प्रकरण ने जैसे ही तूल पकड़ा तो मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारी सौरभ गेरहवाल को इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं ।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की मानें तो यह गाड़ी रोजाना कई मरीज को लाने और ले जाने का काम कर रही हैं, लेकिन कुछ तस्वीरों में जो देखा गया वो बिल्कुल सही नहीं है और इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं ।
मुख्य सचिव ने कहा है कि जिस अधिकारी ने गाड़ी में इन लोगों को सफर करने की इजाजत दी है उस अधिकारी के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसा न हो ।
बता दें कि केदारनाथ में लाई गई गाड़ियों को लेकर पहले ही पर्यावरण वैज्ञानिक कई तरह के सवाल खड़े कर चुके हैं।