ब्यूरो रिपोर्ट विशाल सक्सेना
प्रदेश में पंचायतों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जा सकता, पंचायती राज निदेशालय ने मामले का परीक्षण कराने के उपरांत शासन को रिपोर्ट सौंप दी है।
इधर उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन पंचायतों का दो साल कार्यकाल बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं।
31 जुलाई को संगठन की मांग पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव पंचायतीराज को प्रकरण का परीक्षण कर एक महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा था।
ग्राम पंचायत क्षेत्र और जिला पंचायत प्रतिनिधि यह कहते हुए दो साल का कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहे, कि कोविड-19 की वजह से दो साल तक पंचायतों को कोई बजट नहीं मिला।
इस दौरान पंचायतों की बैठकें तक नहीं हो पाई, संगठन की मांग पर सीएम ने मामले का परीक्षण कराने के निर्देश दिए थे। जिस पर शासन ने प्रदेश के महाधिवक्ता से सुझाव मांगा था।
अफसरों के मुताबिक, महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने संविधान के अनुच्छेद 243 का हवाला देते हुए कहा, पंचायतों का कार्यकाल पांच साल के लिए है। अधिक समय के लिए नहीं बढ़ाया जा सकता।