कुमाऊं ब्यूरो विशाल सक्सेना
गदरपुर उधम सिंह नगर बाल श्रम अपराध है, लेकिन ईंट भट्ठे संचालक खुलेआम इस अपराध में संलिप्त नजर आते हैं ।
बालश्रम कानून को ठेंगा दिखाते हुए यहां बच्चों से कच्चे ईंट की ढुलाई समेत कई अन्य कार्य कराए जाते हैं, जिम्मेदार महकमा सिर्फ चाय-पानी की दुकानों पर छापामारी कर कर्तव्यों से इतिश्री कर ले रहा है।
जिले में उद्योग के नाम पर बड़ी संख्या में ईंट-भट्ठे संचालित हैं, इनमें से अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं, यहां दूसरे प्रदेश के श्रमिक ईंट पथाई के लिए आते हैं।
भट्ठों पर ही झ़ुग्गी बनाकर श्रमिक परिवार जीवनयापप करता आया है। इनके छोटे बच्चे भट्ठा संचालकों के लिए सस्ते मजदूर हैं, भट्ठे पर कच्चे ईंट की ढुलाई, लकड़ियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने, कोयला तोड़ने आदि काम में बाल श्रमिकों को लगाया जाता है।
सामान्य दिहाड़ी से आधे रेट में इन्हे भुगतान मिलता है, बालश्रम में फंसकर यह बच्चे स्कूल का मुंह नही देखते हैं, बड़े होकर भट्ठों पर ईंट पथाई समेत अन्य परंपरागत कार्य में जुट जाते हैं।
बालश्रम पर अंकुश लगाने के लिए छापामारी सिर्फ शहर व चौक-चौराहों पर चल रही है, चाय-पानी की दुकानों तक सीमित है, ठोस कार्रवाई न होने से सस्ते मजदूर के तौर पर पढ़ने-लिखने की उम्र में ईंट-भट्ठों पर बचपन घुट रहा है।