राज्य में आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध करने के लिए अब आवेदन शुल्क और बैंक गारंटी देनी होगी। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव के अनुसार, 10 हजार रुपये आवेदन शुल्क और दो लाख रुपये की बैंक गारंटी ली जाएगी।
प्रदेश में 300 अस्पताल सूचीबद्ध
वर्तमान में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत 300 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इनमें से 101 सरकारी और 199 निजी अस्पताल हैं, जहां आयुष्मान कार्ड धारकों को निशुल्क इलाज की सुविधा मिलती है। अब सूचीबद्ध अस्पतालों को आवेदन शुल्क और बैंक गारंटी जमा करनी होगी, ताकि योजना की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
पहले नहीं ली जाती थी कोई फीस
अब तक अस्पतालों से कोई आवेदन शुल्क या बैंक गारंटी नहीं ली जाती थी, जबकि कई अन्य राज्यों में यह व्यवस्था पहले से लागू है। इसी तर्ज पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने शासन को प्रस्ताव भेजा है।
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कड़े कदम
आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों में क्लेम बिलों की गहन जांच की जाती है। अब तक 88,629 दावों को निरस्त किया गया, जिनकी कुल राशि 180 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा, 176 करोड़ रुपये की कटौती भी की गई है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
आनंद श्रीवास्तव, सीईओ, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का कहना है कि अस्पतालों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए आवेदन शुल्क और बैंक गारंटी लेने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है और जल्द ही इसे लागू किया जा सकता है।
राज्य सरकार की इस पहल का उद्देश्य योजना में पारदर्शिता बनाए रखना और फर्जी दावों को रोकना है, ताकि जरूरतमंद मरीजों को बेहतर और विश्वसनीय स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।


