जगदम्बा कोठारी
आखिरकार सरकार ने प्रदेश भर मे 350 से अधिक आंदोलनरत आंगनबाड़ी सेविकाओं की सेवा समाप्त कर दी है। अकेले पौड़ी जनपद मे लगभग 100 सेविकाओं को पदमुक्त कर दिया है। बाल विकास विभाग एंव महिला शक्तिकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य के इस आदेश से आंदोलनरत 20 हजार सेविकायें गुस्से मे हैं और अब आंगनबाड़ी संगठन ने रेखा आर्य के इस्तीफे की मांग की है। प्रदेश के दर्जनों तहसील मे संगठन धरना दिये बैठा है। अब आँगन बाड़ी संगठन 6 फरवरी को परेड ग्राउंड से सीएम आवास तक एक विशाल महारैली का ऐलान कर चुका है।
संगठन का आरोप है कि रेखा आर्य ने आंगनबाड़ी सेविकाओं की बर्खास्त करने का तुगलकी फरमान जारी किया है। लोकतंत्र मे सबको अपने हित के लिए लड़ने का अधिकार है। आंदोलनकारी संगठन शांति पूर्व प्रदर्शन कर रहा था। ऐसे मे आंदोलनकारी सेविकाओं की सेवा समाप्त करना न्यायोचित नहीं है।
संगठन की प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती रेखा नेगी ने कहा कि ‘रेखा आर्य को तुरंत यह फरमान वापस लेने के साथ ही सभी मागों को शीघ्र अमल मे न लाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। उन्होने कहा कि “जब दो दिन पूर्व ही हरवंश कपूर सीएम से वार्ता करने का आश्वासन दिला चुके थे तो ऐसे मे अन्य सेविकाओं की सेवा समाप्त करना तर्क संगत नहीं है। सरकार उनके साथ छल कर रही है। एक ओर वार्ता के लिए बुला रही है दूसरी ओर उनको बर्खास्त कर रही है। सरकार हमारे संगठन मे फूट डाल रही है लेकिन हम हार नहीं मानेंगे। इस बार लड़ाई आर-पार की होगी।”
गुस्साये आंगनबाड़ी संगठन के अब और उग्र रूप लेने और दो माह से बाल विकास विभाग के ठप्प पड़े कार्य से सरकार दबाव मे तो है लेकिन आंगनबाड़ी संगठन के आगे झुकना नहीं चाहती। सेविका संगठन ने महिला सशक्तिकरण एंव बाल विकास विभाग को भेजे पत्र मे 6 फरवरी को परेड ग्राउंड से सीएम आवास तक विशाल महारैली करने का ऐलान कर दिया है। इसमे प्रदेश भर के हजारों आंगनबाड़ी वर्करों के शामिल होने के डर से अब सरकार की ओर से हरवंश कपूर ने आंदोलित सेविकाओं से शीघ्र मुख्यमंत्री से वार्ता करवाने का आश्वासन दिया है और वहीं संगठन ने सीएम से सफल वार्ता न होने की दशा मे 6 फरवरी को सीएम आवास कूच करने की चेतावनी दी है।
संगठन की महामंत्री श्रीमती सुमति थपलियाल ने कहा कि हमारी सेविकायें पिछले कई दिनों से रात दिन अनशन पर हैं जिस कारण कइयों की स्थति गंभीर बन गयी है और सरकार की ओर से उनकी अनदेखी की जा रही है। उन्होने कहा है कि कई महिलायें पिछले तीस पैंतीस सालों से केंद्र चला रही हैं लेकिन उनको भी मात्र 7500 मानदेय मिल रहा है जो कि गलत है। उन्होने सरकार को कोसते हुए कहा कि हमने आजीवन बाल विकास व महिला सशक्तिकरण का अहम कार्य किया और हमारा रिटायरमेंट 7500 रूपये पर हो रहा है और कोई पेंशन भी नहीं है। हम अपनी मांगे पूरी करवाकर ही आंदोलन समाप्त करेंगी।
वहीं रूद्रप्रयाग के जाखाल भरदार केंद्र की आंगनबाड़ी सहायिका श्रीमती बसंती लाल ने बताया कि ‘प्रधानमत्री मातृ वंदना योजना को सफल बनाने मे मुझे पिछले वर्ष 18 दिसंबर को जनपद मे दूसरा स्थान देकर जिलाधिकारी ने मुझे पुरस्कृत किया था और अब मेरे आंदोलन मे सम्मिलित होने के कारण जनता दरबार मे मेरी सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया गया। जिस कारण मैं सरकार की तानाशाही के विरोध मे 8 अगस्त को जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को पुरूस्कार वापस करूंगी’।
वहीं मंत्री रेखा आर्य के तेवरों मे कोई नरमी नहीं दिख रही हैं। उनका तर्क है दो माह से बच्चों और गर्भवतियों को पौष्टिक आहार नहीं बंटा है जो कि एक गंभीर विषय है ऐसे मे सरकार ने सख्त कदम उठाये हैं।