जनता स्थानीय स्वशासन के अंतर्गत अपने क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए एक प्रतिनिधि चुनती है, जो जनहित के मुद्दों को लेकर मुखर हो एवं जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जनता का सहयोग करें | परन्तु यदि स्तिथि विपरीत हो एवं जनहित पर व्यक्तिगत महत्वकांशा हावी हो जाये, तो ऐसे में जनप्रतिनिधियों पर सत्ता का गुरुर होना लाज़मी है |
आपको बता दे कि ,ऐसा ही एक मामला एम डीडी कॉलोनी चन्दर रोड डालनवाला से संज्ञान में आया है | जहां एक छोटे से पार्क में बिना प्रशासन की अनुमति के मेले का आयोजन कर दिया | इस मेले के आयोजन के लिए न किसी नगर निगम अधिकारी ने अनुमति दी और न ही किसी अन्य अधिकारी ने |
क्षेत्रवासी इस मेले के आयोजन से बहुत ही ज्यादा परेशान है और इसका भरपूर विरोध कर रहे है | उनका कहना है कि ,इस मेले के आयोजन से ध्वनि प्रदूषण एवं पर्यावरण प्रदूषण और अन्य परेशानियों का सामना हमे करना पड़ रहा है |
साथ ही क्षेत्रवासियों का कहना है कि, कोरोना काल में इस तरह के मेले का आयोजन अवमान्य है | इस मेले से कोरोना महामारी का फैलाव बढ़ने का खतरा है | और साथ ही इस समय क्षेत्रवासियों के बच्चों के एग्जाम का समय है लेकिन यहाँ मेले में हो रही ध्वनि से बच्चों की पढ़ाई पर अनुचित असर पड़ रहा है | पार्षद ने केवल अपने स्वार्थ के चलते इस मेले का आयोजन किया है |
साथ ही देवभूमि सामाजिक एवं जन विकास संस्कृति संस्था ने इसका विरोध करते हुए जिलाधिकारी और मेयर नगर निगम को पत्र लिखकर तत्काल मेले को निरस्त करने की माँग की|
पत्र में उन्होंने लिखा है कि, वर्तमान समय में कोरोना वायरस की बीमारी की बढ़ती हुई स्थिति में कॉलोनी के छोटे से पार्क में एक मेले का आयोजन किया जा रहा है| जिसमें की महामारी फैलने का खतरा और ध्वनि प्रदूषण तथा बच्चों की पढ़ाई भी और स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है|बिना प्रशासन की अनुमति के इसका आयोजन किया जा रहा है| मेले में होने वाली गंदगी के निवारण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, ना ही मेले में कितने लोग आएंगे, इस तरह की कोई सूची जारी हुई है | तत्काल मेले को निरस्त करने की कृपया करें |
इस प्रकार यदि बेलगाम जनप्रतिनिधि अपने व्यक्तिगत स्वार्थों से जनता के लिए सिरदर्द बने तो जनता आखिर अपनी फरियाद सुनाये तो सुनाये किसको !