कमल जगाती/नैनीताल
उत्तराखण्ड के नैनीताल में मुख्यमंन्त्री ने राज्य सिविल सेवा के नए बैच को कार्यालयों में महिलाओं के साथ दुराचार संबंधी विषय पर नैतिक मूल्यों का संदेश दिया और आम लोगों के साथ अच्छा व्यवहार बनाए रखने का निर्देश दिया।
आर.एस. टोलिया प्रशासनिक अकेडमी में 12 हफ्ते के नायब तहसीलदार ट्रेनियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है। कार्यालयों में महिला कर्मचारियों के साथ शारीरिक शोषण नामक सब्जेक्ट पर चल रहे इस महत्वपूर्ण कोर्स में 47 ट्रेनी अधिकारी शामिल हैं। आयुक्त और मुख्यमंन्त्री के सचिव राजीव रौतेला ने बताया कि पहले इस अकादमी में देशभर से प्रशिक्षु आते थे, लेकिन कालांतर में इसे उत्तराखण्ड तक सीमित कर दिया गया। इन प्रशिक्षुओं की यहां और अल्मोड़ा में ट्रेनिंग चल रही है। प्रोफेसर, अधिकारी व अन्य लोगों को भी ट्रेनिंग कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि सभी मुख्यमंन्त्री के विचार, निर्देश और दिशा निर्देशों को ध्यान से सुनकर जीवन मे क्रियान्वित करें। इस दौरान छात्र छात्राओं के लिए कुमाऊनी भाषा की पुस्तकों का भी अनावरण किया। मुख्यमंन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उन्हें लोक भाषाओं में विश्वास है और इसका व्यापक प्रचार प्रसार और संग्रहालय में संरक्षण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपनी लोक भाषा मे बोलना चाहिए, हमने बोलना छोड़ा, इसलिए ही हमारी भाषा कम होती जा रही है।
उन्होंने कहा कि आप अधिकारियों को गांव गांव में अच्छा व्यवहार और काम करना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि इंसान के अंदर और बाहर का रंग एक जैसा होना चाहिए, अच्छा बनना चाहिए, क्योंकि उनसे ही समाज चलता है। उन्होंने राज नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजनीति बदमाशी का पर्याय हो गयी है। नेताओं ने कुछ न कुछ तो बनना ही है। कर्मचारियों को तो डेलीवेज में रखा जा सकता है, लेकिन विधायक तो चुनना ही पड़ेगा। माता पिता ने अच्छे बच्चों को इस क्षेत्र में आने से रोकना नहीं चाहिए।
मुख्यमंन्त्री ने ट्रेनीज को बताया कि आपका सामना अच्छे और गंदे लोगों के साथ पड़ेगा, आप लोग भी तो हमारे बीच से ही हो। जिम्मेदारी, नैतिक मूल्यों के लिए जगह होने के बाद आएगी। आप अपने काम को दायित्व समझकर करें। मैं मुख्यमंन्त्री कह रहा हूँ कि हर काम नहीं हो सकता, लेकिन आप मुस्कुराकर सामना करें। मुख्यमंन्त्री के साथ इस बीच उनके सचिव मेहरबान सिंह नेगी और सलाहकार रमेश भट्ट रहे। इसके अलावा आयुक्त राजीव रौतेला, डी.आई.जी. जगत राम जोशी, जिलाधिकारी सवीन बंसल, एस.एस.पी. सुनील कुमार मीणा समेत कई प्रशासनिक अधिकारी आदि मौजूद रहे।
मुख्यमंन्त्री को ज्ञापन देने के लिए रुकी आशा कार्यकत्री उनके नहीं रुकने से नाराज हो गई। उन्होंने सरकार और मुख्यमंन्त्री के खिलाफ नारेबाजी की।