खुलासा:सालों से दबाये बैठे है पशुपालन विभाग की भर्तियां

देहरादून। 

उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों की कमी किसी से छिपी नहीं है, लेकिन अगर पद हो और विभाग अधियाचन भर्ती कराने वाले आयोग को भेज भी दे और भर्ती तब भी नहीं आए फिर क्या होगा। जी हां देवभूमि बेरोजगार मंच के अध्यक्ष राम कंडवाल ने बड़ा खुलासा किया है, ये खुलासा पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड 2 के पदों को लेकर हुआ है।

 दरअसल साल 2016 से उत्तराखंड में पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड 2 की वैकेंसी नहीं आई थी|  जिसके बाद एक आरटीआई उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और एक पशुपालन विभाग को लगाई गई|  जिसमें पशुपालन विभाग की ओर से जो जवाब आया। उसमे कहा गया है कि, 6 मार्च 2019 को विभाग द्वारा 46 पदों के लिए अधियाचन लोक सेवा आयोग हरिद्वार को भेजा जा चुका है। लेकिन लोक सेवा आयोग ने अपने जवाब में इसे नकारा है। 

आयोग ने ऐसा कोई भी अधियाचन पहुंचने से इनकार किया है। राम कंडवाल ने कहा कि, ये आरटीआई बहुत बड़ा खुलासा करती है क्योंकि जब विभाग पद का विज्ञापन आयोग को भेज चुका है तो आयोग झूठ क्यों बोल रहा है|  और अगर आयोग सच बोल रहा है तो पशुपालन विभाग झूठ क्यों कह रहा है, इसका जवाब कौन देगा। 

राम कंडवाल ने कहा कि, पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड 2 की आखिरी वैकेंसी 2016 में आई थी|  सब जानते हैं कि  वेटनरी की डिग्री लेने में 5 साल का समय लगता है और 2016 से अब तक गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी से 100 से ज्यादा वेटरनरी ग्रेजुएट पास आउट हो चुके है और सब अभी तक 5 साल से वैकेंसी की आस लगाए बैठे है| 

 लेकिन उत्तराखंड गवर्नमेंट और उत्तराखंड पशुपालन विभाग की ओर से कोई वैकेंसी नहीं निकाली जा रही है|  वैकेंसी नहीं निकाले जाने के कारण इन सभी वेटरनरी ग्रेजुएट बेरोजगारों का भविष्य अधर में जाता हुआ दिखाई दे रहा है|  यह भी प्रतीत हो रहा है कि, इन लोगों ने अपने जीवन के 5 साल वेटरनरी की डिग्री लेने में व्यतीत कर दिए, वह सब व्यर्थ साबित होते जा रहे हैं। राम कंडवाल ने कहा कि, आयोग जल्द इस भर्ती को निकाले नहीं तो हम बड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे । साथ ही ऐसे अफसरों पर भी करवाई हो जो अधियाचन दबाए बैठे है।

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