दोनों मंत्रियों ने एकता विहार स्थित धरना स्थल पर पहुंचकर आश्वासन दिया कि, 22 तारीख को कैबिनेट में उनका विषय लाया जाएगा और कर्मचारियों के पक्ष में फैसला लिया जाएगा। साथ ही दोनो मंत्रियों ने घोषणा की कि किसी भी कर्मचारी को निकाला नही जाएगा।
इस पर उपनल कर्मचारियों ने अपना आंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया है। सभी उपनल कर्मचारी सोमवार से अपने अपने कार्यालय में पूर्ववत कार्य जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि, कर्मचारी पिछले 54 दिन से धरने पर बैठे थे| कई बार उन्होंने रैली निकाली और कई बार मुख्यमंत्री आवास की तरफ से कूच के लिए निकले भी, किंतु फिर किसी न किसी आश्वासन पर कूच स्थगित कर दिया गया।
किंतु आज जब सब्र का पैमाना छलक गया तो फिर सभी ने यह तय किया कि, इस बार सीधे मुख्यमंत्री आवास कूच किया जाएगा। हालांकि हजारों उपनल कर्मियों को हाथीबड़कला पुलिस चौकी के पास रोक दिया गया।
उपनल कर्मियों ने पुलिस प्रशासन के साथ काफी देर तक बैरियर पार करने को लेकर धक्का-मुक्की की और फिर आखिरकार वहीं सड़क पर बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी।
उपनल कर्मियों के मुख्यमंत्री आवास कूच के दौरान कुछ उपनल कर्मी पानी की टंकी के ऊपर भी चढ गए थे।
यहां पर उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल और आम आदमी पार्टी की नेता उमा सिसोदिया और दिनेश मोहनिया ने पर्सनल कर्मियों को संबोधित किया।
उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने हर एक उपनल कर्मचारी को अपना मोबाइल नंबर नोट कराते हुए कहा कि यदि कोई भी अधिकारी उनका शोषण करता है अथवा उन्हें परेशान करता है तो वह उन्हें गोपनीय रूप से जानकारी दे सकता है, उक्त अधिकारी के खिलाफ कठोर एक्शन लिया जाएगा।
देर शाम मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की ओर से इस आंदोलन का संज्ञान लिया गया और दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद आश्वासन दिया कि, कर्मचारियों की सभी मांगों को माना जाएगा।
आंदोलन का संचालन उपनल के पदाधिकारी महेश भट्ट, हेमंत रावत, विद्यासागर धस्माना, कुशाग्र जोशी आदि पदाधिकारियों द्वारा किया गया।