फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में नकल माफिया ने परीक्षा कराने की तमाम तैयारियों में सेंध लगाकर नकल कराई थी। इसका खुलासा होने पर बेरोजगार एक सप्ताह से परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर आमरण अनशन और धरने पर बैठे हैं, किंतु सरकार ने अभी तक इस आंदोलन का कोई संज्ञान नहीं लिया है।
चार दिन से धरने पर बैठे बॉबी पवार और पीसी पंत को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया तो उनकी जगह दो और युवक आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिछले साल एक वीडियो जारी करके कहा था कि बेरोजगारों को किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए और सरकार पारदर्शी भर्तियां करा रही है। किंतु फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में परीक्षा केंद्रों में नकल कराने में नकल माफिया सफल रहा।
किंतु अब त्रिवेंद्र रावत इस आंदोलन का कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं। उल्टा पुलिस प्रशासन सरकार के इशारे पर छात्रों के दमन पर उतर आया है। छात्रों के आंदोलन को दमन करने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट ने भी एक पत्र जारी करके धरना स्थल को अधोइवाला में शिफ्ट करने के आदेश दे दिए हैं। इसके पीछे ट्रैफिक व्यवस्था बाधित होने का तर्क दिया गया है।
छात्रों को उतारने के लिए एसपी सिटी और एसडीएम सदर के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस और एनडीआरएफ के जवानों की 2 टीमें बनाई गई थी।
पहले पूरे इलाके की लाइट बंद कर दी गई। और इसके बाद अंधेरे का फायदा उठाकर पुलिसकर्मी टंकी पर चढ़ गए तथा दो तरफ से टीम भेजकर पुलिस ने दोनों युवकों को सुरक्षित उतार दिया।
जल संस्थान के सहायक अभियंता ने इनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। डीआईजी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि अराजकता और कानून तोड़ने की इजाजत किसी को नहीं है। पुलिस ने इनके विरुद्ध पानी की टंकी में चढ़ने सरकारी कार्य में बाधा डालने अभद्रता करने को लेकर धारा 147/ 332/ 353/ 342 /309 आदि के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर दिया है।