रिपोर्ट:—-महेश चंद्र पंत , पर्वत जन ,देहरादून।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए व वनाग्नि को रोकने के सन्दर्भ में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक तथा प्रभागीय वनाधिकारियों को वीडियो क्राफेंसिंग के माध्यम से आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
उन्होने कहा कि, वन प्रदेश की अमूल्य सम्पदा है| इसके साथ ही वनों में रहने वाले वन्य जीव भी हमारी धरोहर है। वनों को तथा वन्यजीवों को आग से बचाने तथा जनधन की हानि को रोकने के लिए प्रभावशाली कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि, हमारे प्रदेश का अधिकांश क्षेत्रफल वनों से आच्छादित है तथा वन हमारे राजस्व का आधार है। प्राणदायक वायु तथा नदियों का स्रोत भी हमारे वन है।
उन्होने कहा कि, उत्तराखंड की वन सम्पदा सिर्फ राज्य की ही नहीं पूरे देश की धरोहर है। उन्होने कहा कि, वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं पर काबू पाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा दो हेलीकाॅप्टर उपलब्ध कराऐं गये है। उन्होने बताया कि, मा0 केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने आश्वस्त किया है कि केंद्र सरकार हर संभव सहायता करेगी। उन्होने वन विभाग के सभी अधिकारियों के अवकाश पर रोक लगाने के निर्देश देते हुए कहा कि, सभी अधिकारी व कर्मचारी अपने अपने कार्यक्षेत्र में बने रहे।
उन्होंने कहा कि, वनाग्नि की घटनाओं की सूचना अविलम्ब मिलनी चाहिए| रिस्पाॅन्स टाइम में भी कमी लाई जाए। उन्होंने कहा कि, अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान रखें कि, आग बुझाने के लिए बच्चे व बुजुर्ग न जाए एवं शरारती तत्वों पर विशेष ध्यान दिया जाए एवं ऐसे लोगों के खिलाफ आवश्यक रूप से कार्यवाही की जाये।
उन्होंने कहा कि, प्रदेश के सभी जनपदों में वन विभाग कन्ट्रोल रूम क्रियाशील करे तथा मास्टर कन्ट्रोल रूम भी बनाये जांए। उन्होने कहा कि, संवेदनशील क्षेत्रों व अन्य स्थानो पर कू्र-स्टेशन भी सक्रिय किये जायें।
उन्होंने कहा कि, हेल्पलाइन नम्बर जारी किया जायें एवं उनका प्रचार-प्रसार व्यापक स्तर पर किया जाये। वनाग्नि रोकने के लिए सभी जिलाधिकारी तथा वन विभाग के अधिकारी जन सहयोग से इस दिशा मे कार्य करें तथा जन जागरूकता के लिए अभी से ही विशेष अभियान चलाया जाए।
जिलाधिकारी श्रीमती रंजना राजगुरु ने जानकारी देते हुए बताया कि, जनपद में वन प्रभाग के विभिन्न आरक्षित वन क्षेत्रों हेतु वन अग्नि नियंत्रण एवं प्रबंधन हेतु रणनीति तैयार कर ली गई है। जनपद का कुल 93826.35 हेक्टेयर वन क्षेत्र आच्छादित है। जिसके अंतर्गत 65 कू्र-स्टेशन, 86 सीजनल क्रू स्टेशन बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि, सभी वन चौकियों में कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिये गये है व वनाग्नि की रोकथाम हेतु संबंधित विभागों को मेन पावर को दुरुस्त रखने के निर्देश दिये गये है।
जिलाधिकारी महोदया ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि, यदि वनाग्नि से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की घटना हो तो जनपद के मास्टर कन्ट्रोल रूम (तराई केन्द्रीय वन प्रभाग, रूद्रपुर दूरभाष नम्बर- 05944-250060, तराई पूर्वी केन्द्रीय वन प्रभाग, शीशमबाग, हल्द्वानी, दूरभाष नम्बर- 05946-253309, तराई पश्चिमी केन्द्रीय वन प्रभाग, रामनगर, दूरभाष नम्बर- 05944-251475 एवं जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ऊधम सिंह नगर, दूरभाष नम्बर- 05944-250719 एवं टोल फ्री नम्बर-1077) पर तत्काल सूचना दें।
इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर, एडीएम उत्तम सिंह चौहान, डीएफओ डाॅ0 अभिलाषा, संदीप कुमार, कुन्दन कुमार , जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी उमाशंकर नेगी, सीएफओ वी .बी. यादव आदि उपस्थित थे।