उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के ओएसडी ऊर्वादत्त भट्ट की पत्नी का निधन हो गया था।ऊर्वादत्त की पत्नी कोरोनावायरस पॉजिटिव थी।
ओएसडी की पत्नी के निधन पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने बहुत ही गहरा शोक फेसबुक पर व्यक्त किया, लेकिन जिस अस्पताल में उनकी पत्नी की मृत्यु हुई वहां के हालात भाजपा के ही एक कार्यकर्ता ने अपनी फेसबुक पर कुछ इस तरह से व्यक्त किये कि कार्यकर्ताओं के प्रति संवेदनहीनता की पोल खुल गयी।
धीरज भंडारी नाम के इस व्यक्ति ने लिखा कि वह कल से बड़े उधेड़बुन में हैं कि शेयर करें या न करें लेकिन मन नहीं मानता, क्योंकि कार्यकर्ता खड़ा करने में वर्षों लग जाते हैं धीरज भंडारी ने लिखा है कि मुख्यमंत्री के ओएसडी ऊर्वादत्त भट्ट व पत्नी दोनों कोरोना पीड़ित थे और पत्नी की मृत्यु हो गई लेकिन सबसे बड़ा विषय यही था कि अस्पताल की पेमेंट कौन करेगा। 5 घंटे तक यही विषय चलता रहा।
धीरज भंडारी ने आगे लिखा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी के स्टाफ होने के नाते ना तो वहां से कोई नुमाइंदा आया और न किसी ने सुध ली।
धीरज भंडारी आगे लिखते हैं कि वह तो धन्य हो हमारे विद्यार्थी परिषद का एक पुराना कार्यकर्ता जिसने वहां बिल का भुगतान किया, तब जाकर डेड बॉडी मिली और अंत्येष्टि के समय भी माननीय मुख्यमंत्री के यहां से किसी का भी ना आना, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण बात है। कार्यकर्ता की उपेक्षा का इससे घृणित उदाहरण नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फेसबुक पर कल ही लिखा था कि,-” मेरे विशेष कार्याधिकारी श्री दुर्गा दत्त भट्ट जी की धर्मपत्नी के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दुख हुआ सीएम ने संवेदना प्रकट करते हुए ऊर्वादत्त भट्ट आदि के स्वास्थ्य लाभ की भी कामना की थी।”
धीरज भंडारी विद्यार्थी परिषद के पूर्व प्रदेश मंत्री रहे हैं और प्रदेश मंत्री पूर्णकालिक पद होता है।
वहीं आदेश त्यागी ने भी इस बात पर गहरा आक्रोश जताया है कि,-” मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपने सहयोगी के प्रति संवेदना व्यक्त करने की कोई जरूरत नहीं समझी। हॉस्पिटल के बिल का भुगतान की बात तो दूर।”
आदेश त्यागी ने लिखा है,-” राज्य सत्ता सोती रही, निष्ठावान का क्या हश्र हुआ, छुपा हुआ नहीं है।”
त्यागी लिखते हैं कि “इस हालात में उम्मीद केवल गंगा और भगवान बद्रीनाथ से सीखी जा सकती है। आम आदमी राजसत्ता पुरुषों से जो उम्मीद लगाए हुए है उनका सच किसी से छुपा नहीं है। हे राम।”
धीरज भंडारी और आदेश त्यागी आदि की इन पोस्ट पर भाजपा और उनके अनुषांगिक संगठनों से जुड़े लोगों ने आक्रोशित और क्षोभ से भरी टिप्पणियां की है।