नया मुख्य सचिव बनाते ही सचिवालय के तबादलों में सीएम ने दिया संदेश!
मुख्य सचिव के आते ही सचिवालय में तबादलों पर दिखाई अपनी नई छाप।
कुलदीप एस राणा
उत्तराखंड में नए मुख्य सचिव को ताजपोशी सौंपते ही थोड़ी देर गहन चिंतन मनन करने के बाद 25 अक्तूबर को दोपहर मे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 3 आईएएस अफसरों से महत्वपूर्ण महकमे वापस ले लिए। तथा बदले में उन्हें अभी कुछ भी नहीं दिया गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आर मीनाक्षी सुंदरम को झटका देते हुए उनसे पर्यटन धर्मस्व संस्कृति जैसे विभाग वापस ले लिए।
सुंदरम के पास अब सिर्फ पशुपालन सहकारिता तथा दुग्ध व मत्स्य विभाग ही बचे हैं।
इसी तरह से चंद्रशेखर भट्ट से विद्यालय शिक्षा का पद भार वापस लेते हुए उन्हें सिर्फ कुमाऊं का मंडलायुक्त बनाकर सीमित कर दिया है। अपर सचिव विनय शंकर पांडे से भी एमडीडीए के उपाध्यक्ष का पदभार वापस ले लिया है। अब उनके पास सिर्फ खनन तथा राज्य संपत्ति ही बचा है। बाध्य प्रतीक्षा पर चल रही तथा लंबे अवकाश से लौटी आईएएस तथा सचिव भूपेंद्र कौर औलख को विद्यालय शिक्षा अर्थात प्राथमिक तथा माध्यमिक शिक्षा का पदभार दिया गया है। हाल ही में उत्तरकाशी के डीएम पद से ट्रांसफर होकर आए तथा अपर सचिव मुख्यमंत्री बनाए गए डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव को एमडीडीए का उपाध्यक्ष बनाया गया है। उनके पास अपर सचिव कृषि दुग्धविकास और महिला डेरी का भी दायित्व है। जाहिर है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रामास्वामी से अपना दामन छुड़ाने के बाद उत्पल कुमार सिंह को मुख्य सचिव बनाकर कुछ नया करने और नया दिखाने की मंशा लेकर साफ सुथरी सरकार का संदेश देना चाह रहे हैं। देखना यह है कि उनकी यह कवायद क्या रंग लाती है। विनय शंकर पांडे तथा मीनाक्षी सुंदरम की छवि काम करने तथा कराने वाले अफसरों में भी शामिल है ।कहीं ऐसा न हो कि साफ सुथरी सरकार देने की कोशिश में डबल इंजन की स्पीड को भी ब्रेक लग जाए ।
मुख्यमंत्री ने एक बार पहले भी सत्ता संभालते ही सुंदरम से सभी विभाग हटा दिए थे। काफी समय लगभग खाली रहने के बाद सतपाल महाराज ने दिल्ली के संपर्कों का इस्तेमाल करके उन्हें अपने मंत्रालय मे अहम महकमे सौंपे थे। सुंदरम को हटाया जाना सतपाल महाराज को भी झटका माना जा रहा है।
4 माह के भीतर ही मीनाक्षी सुंदरम से पर्यटन , सीईओ पर्यटन व धर्मस्व व संस्कृति विभाग का चार्ज वापस ले लिए गया है। वहीं देहरादून की बहुचर्चित एमडीडीए उपाध्यक्ष की कुर्सी भी 3 माह के अंदर ही विनय शंकर पांडेय से हटा कर तेजतर्रार अधिकारी माने जाने वाले डॉ. आशीष श्रीवास्तव को सौंप गयी है। शासन में हुए इस बदलाव के पीछे कयास लगाए जा रहे है कि इस शुरुआती बदलाव से कहीं न कहीं रामास्वामी और ओम प्रकाश के गुट को संदेश देने की कोशिश की गई है । टीएसआर के सीएम बनते ही रातों रात ओम प्रकाश नौकरशाही के बीच सचिवालय में पावर सेंटर बन चुके थे। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के हालिये केदारनाथ दौरे का असर पिछले 4 दिनों से उत्तराखंड सचिवालय में घटित हो रहे इस तमाम घटनाक्रम के पीछे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं से उनका सीधा संवाद भी कारण माना जा रहा है। 48 घंटे के भीतर केंद्र से रिलीव कर तेजी से चीफ सेक्रेटरी के पद पर उत्पल कुमार को बैठाया जाना इस बात की पुष्टि भी करता है। इस घटना ने अधिकारियों के आंखों की नींद चुरा ली है ।
नौकरशाही के बीच विभागों के बदलाव की जो शुरुआत उत्पल कुमार के चार्ज लेने के तुरंत बाद की गई है,वह जल्द ही सचिवालय मे बड़े बदलाव के संकेत दे रहा है, क्योंकि सुंदरम से लिये गए विभागों को अभी किसी अन्य को नही दिया गया गया है।