उत्तराखंड में जहां एक ओर स्थापित राजनेता कोरोना से चौतरफा लड़ी जा रही जंग के दौरान अपने बेडरूम में रामायण देख रहे हैं या फिर व्हाट्सएप फेसबुक टि्वटर से ज्ञान बघार रहे हैं, वही विभिन्न समाजसेवी समूहों में अपने आसपास इस बात के लिए कमर कसे हुए हैं कि शाम को कोई चूल्हा बुझा ना रह जाए, कोई भूखे पेट न सो जाए।
इन सबके अलावा कोई कोरोना को सांप्रदायिक चोला पहनाए जाने की साजिशों के खिलाफ बौद्धिक जंग लड़ रहा है। तो कहीं पत्रकार कोरोना में जुटी प्रशासनिक मशीनरी की समीक्षा कर रहे हैं। इन सब चीजों का असर काफी दूर तक और देर तक महसूस किया जाता रहेगा।
कहीं किसी की सक्रियता से बड़े नेताओं को बेचैनी हो गई है तो कहीं किसी पार्टी को कोरोना के हिंदू मुस्लिम में असफल रहने की तिलमिलाहट देखी जा रही है।
कोई एक दिवसीय थाली और ताली अभियान से आगे बढ़कर आज भी सफाई कर्मियों के गलों में फूलों और नोटों की माला चढ़ा कर आभार व्यक्त कर रहा है।
सबकी अपनी अपनी ओर से कुछ ना कुछ कर ही रहे हैं जो कुछ नहीं कर रहे उनमें से कुछ इनकी फोटोग्राफ को लाइक और शेयर कर रहे हैं तो कुछ इनकी लोकप्रियता को देखकर बैठे-बैठे कुढ रहे हैं। क्योंकि बाहर निकल कर कुछ करने की उनमे न इच्छाशक्ति है और ना सामर्थ्य।
बहरहाल आज कुछ “कोरोना फाइटर” की गतिविधियों पर एक नजर डालते हैं।
कोरोना फाइटर उमेश
कोरोना की इस जंग में भारत बांग्ला चैनल की सीईओ उमेश कुमार अपनी जान हथेली पर रखकर लोगों के बीच जाकर उन्हें हर संभव मदद कर रहे है तथा उन्हें सैनेटाइज करने में जुटे हुए है। इस दौरान उमेश ने दस हजार लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करते हुए उन्हें कोरोना वायरस को लेकर जागरूक भी किया।
देखिए वीडियो
उमेश पिछले लंबे समय से दिल्ली बार्डर से लेकर रूद्रपुर के बीच के हाईवे में अपनी टीम के साथ उतरकर वहां मौजूद हर जरूरतमंद की सहायता कर रहे है। अपने इस मिशन के दौरान उमेश व उनकी टीम ने हरियाणा तक जाने वाली गाड़ियों को भी सैनेटाइज किया तथा गजरौला में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों के काम भी सहयोग किया। उमेश का कहना था कि कोरोना की इस जंग को हमे एकजुट होकर लड़ना है और वह इसी तरह से अपनी जान हथेली पर रखकर लोगों की सेवा तब तक करते रहेंगे जब तक यह बीमारी जड़ से खत्म नहीं हो जाती। विभिन्न राज्य में फंसे उत्तराखंड के लोगों के लिए हेल्पलाइन को सक्रिय कराना हो या फिर प्रवासियों के लिए भोजन की व्यवस्था उमेश कुमार खुद भी आगे आए और राज्य सरकार की लापरवाही के लिए सरकार प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायतें भी की।
टिहरी की टीम : जनसेवा की थीम
टिहरी में वरिष्ठ पत्रकार तथा समाजसेवी महिपाल सिंह नेगी टिहरी नागरिक मंच के माध्यम से गरीबों को राशन बांट रहे हैं टिहरी नागरिक मंच आसपास के भागीरथीपुरम नई पीढ़ी कोटी कॉलोनी आदि इलाकों में बाकायदा गरीबों का सर्वे करने के बाद जरूरतमंदों तक राहत पहुंचा रहा है पुलिस भी इनके साथ सहयोग कर रही है ।एसएसपी श्री रावत ने इनके अभियान का संज्ञान लिया और उन्हें दो गाडियों के साथ छह आदमियो के पास दे दिए।
नागरिक मंच पहले सर्वे करता है , कि इस संकट में वास्तविक रूप से जरुरत मन्द कौन हैं ? फिर खाद्य बांटता है। एलआईयू रिपोर्ट लेती है। पुलिस इस मंच की मदद कर रही है। यह मंच भोजन से लेकर दवा तक का इंतजाम कर रहा है।
टिहरी प्रेस क्लब तथा मिलकर जीतेंगे यह जंग नाम से बना एक ग्रुप भी टिहरी में जरूरतमंदों की मदद करने के लिए आगे आया है के लिए बाकायदा उत्तरांचल प्रेस क्लब में एक कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है, जो 31 मार्च से रोजाना सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक सक्रिय रहेगा। कोई भी यहां जरूरतमंदों के लिए राहत सामग्री (मुख्य रूप से आटा, चावल, दालें, आलू, सोयबीन बड़ी, तेल, नमक, चीनी) उपलब्ध करा सकते हैं। कंट्रोल रूम की व्यवस्थाएं श्री सुबोध भटट संभाल रहे हैं। उनसे 9837383994, 7017732114 पर संपर्क किया जा सकता है या आप प्रदीप कुकरेती जी के माध्यम से भी अपना सहयोग कर सकते हैँ। “
बिजनेस मैन भी पीछे नही
समाजसेवी और ‘विचार एक नई सोच’ वेब पोर्टल के संपादक राकेश बिजल्वाण जी के नेतृत्व में आज कोरोना संकट के बीच जरूरतमंद व्यक्ति के लिए रक्तदान उत्तराखंड वेब मीडिया एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने दून हॉस्पिटल जाकर 25 यूनिट रक्तदान किया।
इसके अलावा राकेश बिजल्वाण लगातार जरूरतमंदों के बीच मास्क, सैनिटाइजर, दवाइयां और भोजन वितरित कर रहे हैं।
स्टार्टअप वाले भी प्रस्तुत
हाल ही में माउंटेन विलेज स्टे के नाम से होम स्टे योजना शुरू करने वाले अखिलेश डिमरी और विनय केडी ने सरकार को एक प्रस्ताव दिया है कि यदि उत्तरकाशी के हरसिल अथवा धराली में सरकार को आइसोलेशन सेंटर की जरूरत पड़ती है तो शासन-प्रशासन उत्तरकाशी जनपद में हर्षिल धराली स्थित हमारी यूनिट “माऊंटेन विलेज स्टे – धराली हाईट्स” को आईसेलेशन सेंटर बनाने हेतु नि:शुल्क प्रयोग कर सकती है ।
उक्त यूनिट में आईसोलेशन हेतु दिये गये निर्देशों के अनुसार कुल आठ लोगों को क्वारंटाईन किया जा सकता है।
इनकी सेवा से नेताओं के माथे पर लकीरें
कोरोना से बचाव के लिए होप इण्डिया फाउंडेशन की ओर से पिछले कुछ दिनों से जनपद बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों में मास्क एवं सेनेटाइजर का वितरण किया जा रहा है। भूपेश उपाध्याय
आज कपकोट पुलिस क्षेत्राधिकारी ने होप इण्डिया फाउंडेशन के अध्यक्ष भूपेश उपाध्याय और उनके सहयोगियों को हरसिला के पास रोका और उनको पूछताछ के लिए कपकोट पुलिस थाना ले कर गयी।
पुलिस का कहना है कि भूपेश उपाध्याय के पास जनपद बागेश्वर प्रशासन से सामान बांटने की कोई भी परमिशन नहीं है, जबकि भूपेश उपाध्याय का कहना है कि वो देहरादून से पूरे प्रदेश में मेडिकल राहत सामग्री बांटने की परमिशन लेकर ही देहरादून से बागेश्वर आये थे।
भूपेश उपाध्याय ने जनपद के राजनैतिक लोगों पर आरोप लगाया कि वो स्वयं इस विपदा के समय अपने घर में छुपे बैठे हैं अभी तक किसी भी जनप्रतिनिधि की ओर से गांव गांव मास्क व सैनिटाइजर का वितरण नहीं किया गया है जबकि होप इण्डिया फाउंडेशन घर घर गांव गांव जाकर काम कर रही है तो यह उनको अच्छा नहीं लग रहा
…तो कुछ अपनी भाई-बिरादरों के साथ जुटे
देहरादून में रहने वाले समाजसेवी अर्जुन गुनियाल ने भी अपने परिजनों के साथ मिलकर अपने आसपास के लोगों की मदद करने का बीड़ा उठा रखा है।
उन्होंने बाकायदा कुछ नंबर जारी किए हैं ताकि जरूरतमंद लोग भी उनसे संपर्क कर सकें। श्री गुनियाल ने अपने फेसबुक पर लिखा है
“मेरा व गुनियाल बन्धु, मेरे भाइयों का प्रयास कोई भूखा न रहे। 7817977300, 9536099194 , 7300914257 , 9897682045, 7983346851 सम्पर्क करें।”
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय भुटाणु के प्रभारी मनोज अवस्थी आजकल सुदूरवर्ती हिमाचल से लगे मोरी ब्लॉक के भुटाणु क्षेत्र में कोरोना के प्रति लोगों को जागरुक कर रहे हैं, साथ ही लोगों को एक दूसरे से दूर रहने,बार बार हाथ धोने की सलाह भी दे रहें हैं !
समाजसेवी कविंद्र ईस्टवाल भी कोटद्वार में सैनिटाइजर मास्क और ग्लव्स आदि राहगीरों और पुलिस तथा मेडिकल टीम को वितरित कर रहे हैं।
समाजसेवी विपिन गुप्ता लाला जैसे लोग भी हैं,जिन्होंने अपनी बेटी आरोही के जन्म दिन पर राजपुरा में सैकड़ों गरीब परिवारों कोरोना की महामारी में राशन वितरण कर मानवता की मिसाल दी। ऐसे निस्वार्थ कर्मयोगियों से पर्वतजन आपको आगे रूबरू कराता रहेगा। आपको भी कहीं ऐसे लोग नजर आए जो बिना तारीफ की चाह लिए इस जंग में आहुति दे रहे हों तो पर्वतजन को बताना न बताना न भूलिएगा।