कोविड-19 के कहर से छोटे वाहनों चालक व उनके परिवार बेरोजगारी से नहीं उबर पाए है और अब छोटे वाहन चालकों पर, निजी फाइनेंस कंपनियों का शिकंजा कसा जा रहा है ? ब्याज सहित रुकी हुई किश्ते देने का दबाव बनाया जा रहा है अन्यथा वाहन खींचकर ले जाने की धमकियां दी जा रही हैं।
स्थानीय बजाज फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने आज बजाज सीएनजी थ्री व्हीलर वाहन चालकों को ,जिन पर ऋण की किश्तें शेष है, नोटिस बांटे हैं।जिससे टेंपो चालकों में हड़कंप मचा हुआ है।
कोरोना संक्रमण से देश भर में हर प्रकार की परिवहन व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गई है। यह नियमित हो पाएगी या नहीं कोई सुनिश्चित नहीं है?
वाहन चालकों का कहना है कि, देश में रेलवे, राजकीय परिवहन निगम, प्राइवेट निजी बसें, टैक्सी का परिवहन ठप्प होने से इसकी सबसे ज्यादा मार छोटे वाहनों पर पड़ी है।
क्योंकि शहरों व आस पास के गांव के लिए छोटी दूरी की परिवहन से्वायें जैसे थ्री व्हीलर आदि छोटे वाहनों का संचालन भी ठप हो जाना स्वाभाविक था।
मुख्यालय से अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी दूरी के परिवहन के लिए थ्री व्हीलर टेंपों आदि का बड़ा योगदान रहता है। मार्च से लोक- डाउन की घोषणा हो जाने के बाद , छोटे वाहन चालकों के सामने रोजी रोटी की बड़ी समस्या आ खड़ी हुई।
कई वाहन चालकों ने बैंकों के अतिरिक्त, निजी फाइनेंस कंपनियों से वाहन, मासिक किस्तों में ऋण पर लिये हैं।
लॉकडाउन के दौरान तीन चार महीनों में जो भी उनकी जमा पूंजी थी, वह बच्चों और परिवार की देखरेख में खत्म हो गई।
कोरोना पीरियड में सरकार ने श्रमिकों ,छोटे-मोटे रोजगार व व्यवसाय से लोगों को आश्वस्त किया था कि उन पर बैंकों की देनदारी के लिए दबाव व जबरन वसूली नहीं की जाएगी।
उन्होंने बताया कि जून के महीने से छिटपुट, छोटे वाहनों का संचालन शुरू हुआ है। लेकिन सवारियां ना होने से बच्चे पालना भी मुश्किल हो रहा है । ऐसे में अगर निजी फाइनेंस कंपनियां वाहनों को खींच ले जाएंगी तो उनके परिवार भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे?
भय, असुरक्षा व बेरोजगार हो जाने की आशंका से थ्री व्हीलर वाहन चालकों में हड़कंप मचा हुआ है।
रुद्रपुर में तथाकथित विभिन्न टेंपो यूनियनों द्वारा टेंपो चालकों से, प्रतिदिन के हिसाब से मनमानी वसूली की जाती है। इसके लिए यह लोग धनबल और बाहुबल व दबंगई का इस्तेमाल भी करते हैं ।लेकिन इस विपत्ति के समय वह भी निजी फाइनेंस कंपनियों द्वारा किए जा रहे ,उत्पीड़न के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
टेंपो चालक नासिर का कहना है कि पूरे देश में कोरोना के कारण सवारिया नहीं आ पा रही है इससे उत्तराखंड भी प्रभावित है। जिस कारण घर के खर्चे चलाना ही मुश्किल हो रहा है।
फाइनेंस कंपनियों को इन विषम परिस्थितियों में मानवीय संवेदनाएं रखते हुए, किश्तें जमा करने के लिए ,समुचित समय देना चाहिए अथवा सरकार को आर्थिक मदद देनी चाहिए।
रुद्रपुर ,प्रीत विहार स्थित, “बजाज फाइनेंस कंपनी” में कार्यरत, परमजीत सिंह ने बताया कि हम फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी हैं । हमें जैसा प्रबंधक ने कहा, उसी अनुसार नोटिस बांट रहे हैं।
फिलहाल टेंपो चालकों में भय और असुरक्षा व्याप्त है । सरकार व स्थानीय प्रशासन ऐसे टेंपो चालकों को उनकी समस्या से निजात दिलाएगा, यह उम्मीद कायम है। इसी में “सबका साथ सबका विकास” व” राम- राज” की अवधारणा भी निहित है ।