वर्ष 2020 के लिए झण्डा मेला सम्पन्न
श्री झण्डा मेला आयोजन समिति ने प्रशासन के साथ बैठक कर इस वर्ष के झण्डे मेले के समापन की घोषणा कर दी है। श्री दरबार साहिब परिसर के अंदर होने वाले धार्मिक अनुष्ठान, श्री झण्डा आरोहण व नगर परिक्रमा के बाद रविवार शाम को मेला सम्पन्न करने का निर्णय लिया गया है। मेला व्यवस्थापक श्री केसी जुयाल ने बताया कि देश के कोने कोने से संगतें श्री झण्डे जी आरोहण के लिए पहुंचती हैं इसलिए धार्मिक व आस्था से जुड़ी हुई आवश्यक गतिविधियों को पूरा कर मेला सम्पन्न किए जाने की घोषणा कर दी गई है। हमने प्रशासन के साथ मिलकर श्री दरबार साहिब परिसर के बाहर लगने वाली दुकानों व मेले सम्बन्धित सभी आयोजनों को बंद करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। देश भर मे कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता व बचाव कारणों के मद्देनज़र रविवार शाम को मेला सम्पन्न किए जाने की घोषणा की गई।
अन्य राज्यों से आई अधिकांश संगतें वापिस लौटीं
श्री दरबार साहिब में शाम को खुशी का प्रसाद वितरित होने के बाद अन्य राज्यों से आई अधिकांश संगतें बसों, ट्रेनों व निजी वाहनों से अपने ग्रह जनपद लौट गईं। श्री महाराज जी ने कोरोना वायरस के प्रति संदेश में कहा कि लोग भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइज़री का अनुपालन करें। सभी अपने स्वास्थ्य का ध्यान करें। सफाई पर ध्यान दें खुद भी जागरूक हों व दूसरों को भी जागरूक बनाएं। यह भी सुखद रहा कि मेला आयोजन के दौरान कोई भी व्यक्ति कोरोना संदिग्ध नहीं पाया गया।
पंचमी तिथि के बारे में अफवाह गलत
श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने इस अफवाह का पूरी तरह खण्डन किया कि इस वर्ष श्री झण्डा आरोहण होली के पांचवें दिन के बजाय तीसरे दिन किया गया। उन्होनें कहा कि विद्वान राजपुरोहितों व विशेषज्ञ आचार्यों ने शास्त्रों व पंचांग का गहन अध्ययन करने के बाद ही इस वर्ष के लिए श्री झण्डे जी आरोहण की तिथि (13 मार्च 2020) की तिथि घोषित की थी। काशी विद्वत सभा ने 13 मार्च 2020 शुक्रवार को पंचमी तिथि बताया है। शास्त्रों के अनुसार तिथियां, त्योहार-पर्व आगे पीछे होते रहते हैं। कभी होली चैत्रवदी पंचमी से तीन दिन पहले व कभी चार व पाॅच दिन पहले पड़ती है, अधिकांशतयः पाॅचवें दिन पड़ती है। इसलिए लोगों में श्री गुरु राम राय महाराज जी के जन्मदिवस की तिथि के बारे में भ्रम हुआ। उन्होंने तिथि के बारे में फैली अफवाहों का पूरी तरहं खण्डन करते हुए 13 मार्च की तिथि को शास्त्रों व पांचांग के अनुरूप बिल्कुल सही तिथि बताया।
जाको राके साइंयां मार सके न कोई
श्री झण्डा जी मेला आयोजन समिति ने अरदास की कि हम सभी का जीवन उस परम पिता परमेश्वर के हाथों में सुरक्षित है। जिनकी रक्षा स्वयं भगवान, सदगुरु करते हैं उनका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है। श्री झण्डा आरोहण, धार्मिक अनुष्ठान व नगर परिक्रमा सुख शांति पूर्वक सम्पन्न हो गए हैं। अनावश्यक रूप से अफवाहों व इधर उधर की बातों में न उलझें। भविष्य के लिए सबक लेते हुए श्री झण्डा जी मेला आयोजन की व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए गम्भीर और सार्थक प्रयास किए जाएंगे। श्री गुरु राम राय जी महाराज का आशीर्वाद सभी पर बना रहे।
रविवार को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा निकली
श्री दरबार साहिब, देहरादून के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की अगुआई में रविवार को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा निकली। जहां-जहां से नगर परिक्रमा निकली दूनवासियों ने तहेदिल से संगत का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। नगर परिक्रमा के दौरान रास्ते भर दूनवासी पुष्पवर्षा करते रहे और श्री गुरु महाराज जी के जयकारे गूंजते रहे। श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस (श्री झण्डे जी आरोहण के तीसरे दिन) के तीसरे दिन आयोजित होने वाली एतिहासिक नगर परिक्रमा का स्वागत करने के लिए जगह-जगह हज़ारों की संख्या में दूनवासी उमड़ पडे। नगर परिक्रमा के रूट पर हर जगह संगत का ज़ोरदार स्वागत किया गया। भजन कीर्तन के बीच श्रद्धालुओं को गद्दीनशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने आशीर्वाद दिया।
श्री दरबार साहिब परिसर से सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर ऐतिहासिक नगर परिक्रमा शुरू हुई। नगर परिक्रमा कांवली रोड होते हुए श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल, बिंदाल पहुंची। यहां संगत को चने, मुरमुरे व गुड़ का प्रसाद वितरित किया गया। यहां से नगर परिक्रमा तिलक रोड, टैगोर विला, घण्टाघर पर पहुंची। नगर परिक्रमा के घण्टाघर पहुंचने पर कुछ समय के लिए मानो सबकुछ थम सा गया। ढोल की थाप पर दूनवासियों ने पूरे स्नेहपूर्वक बाहें फैलाकर गुरु संगत का जोरदार स्वागत किया। संगत श्री गुरु महाराज के जयकारे लगाती व दून के श्रद्धालु उन पर फूलों की बारिश कर देते। इस नज़ारे का साक्षी बनने के लिए हजारों की तादाद में श्ऱद्धालु घण्टाघर व आसपास के क्षेत्र में डटे रहे। घण्टाघर से पल्टन बाजार होते हुए नगर परिक्रमा लक्खीबाग क्षेत्र में पहुंची। नगर परिक्रमा में हजारों संगतें व दूनवासी शामिल हुए। इसके बाद नगर परिक्रमा की संगत समाधि स्थल श्रीमहंत साहिबान पर माथा टेकेने के लिए पहुंची। दोपहर 1ः30 बजे नगर परिक्रमा श्री दरबार साहिब पहुंचकर सम्पन्न हुई।
स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा नगर परिक्रमा के सम्पूर्ण रूट के दौरान शहर भर में भव्य स्वागत, लंगर व जलपान की व्यवस्था की गई। नगर परिक्रमा के दौरान शहर के कई गणमान्य व्यक्तियों विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के विधायकों, पदाधिकारियों ने पुष्पवर्षा कर संगत का स्वागत किया। श्री दरबार साहिब मे अपराह्न 5 बजे मसंदों व संगत की विदाई हुई। शाम 6 बजे खुशी का प्रसाद वितरित किया गया।
अतिथि देवो भवा के भाव से विभोर हुई संगतें: श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज
श्री दरबार साहिब देहरादून के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने कहा कि ऐतिहासिक नगर परिक्रमा में शामिल होने के लिए देश-विदेश से संगतें देहरादून पहुंचती हैं। दूनवासियों ने अतिथि देवो भवः के भाव को हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी चरितार्थ किया इसके लिए संगतों ने दूनवासियों का विशेष आभार जताया है। हर साल दूनवासियों की ओर से संगत का जिस स्नेह व अपनेपन के साथ स्वागत किया जाता है उस प्रेम को पाने के लिए संगत हर साल भारी संख्या मंे दून पहुंचती है। उन्होंने श्री झण्डे जी मेले के सफल आयोजन व गुरु संगत को दिए गए स्नेह व सम्मान के प्रति समस्त दूनवासियों का हार्दिक आभार जताया। मेले के सफल आयोजन मंे पुलिस, प्रशासन व मीडिया की भूमिका पर सभी का धन्यवाद दिया। अपने संदेश में कहा कि श्री गुरु राम राय जी महाराज का आशीर्वाद व कृपा आप सभी पर बनी रहे।
2021 का झण्डा आरोहण मातावाला बाग में करवाने का विचार:- श्री झण्डा मेला आयोजन समिति के पदाधिकारियों, सदस्यों व संगतों ने एक बैठक कर यह रायशुमारी की कि संगतों की बढ़ती संख्या व सुरक्षा कारणों के मद्देनज़र श्री झण्डा जी परिसर के आसपास का क्षेत्र कम पड़ता दिखाई दे रहा है। सुरक्षा व जन सामान्य की सुविधा को देखते हुए क्योंन वर्ष 2021 का श्री झण्डा जी आरोहण के आयोजन का कार्यक्रम मातावाला बाग में कराया जाए। यद्धपि अभी इस बारे में एकमत राय नहीं बन पाई है। श्री झण्डा जी आरोहण के धार्मिक व आधात्मिक पक्ष का पूर्णं अध्ययन एवम् अवलोकन करने के बाद ध्वजारोहण के स्थल के बदलाव में कोई निर्णय लिया जा सकता है।
काबिलेगौर है कि प्रतिवर्ष श्री झण्डे जी मेले में शामिल होने वाली संगतें व श्रद्धालओं की संख्या बढ़ रही है। सभी श्रद्धालु श्री झण्डे जी आरोहण के दिव्य दृश्य को देखना चाहते हैं, लेकिन कम जगह, संकरी रोड और आसपास जीर्ण शीर्ण प्राचीन भवन और कमजोर छतों के यह सम्भव नहीं हो पाता है। साथ ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह उचित भी नहीं लग रहा है। इस बार के झण्डारोहण में पुलिस, प्रशासन व संगतों की सूझबूझ व मजबूत इरादों व सराहनीय प्रयासों से भगदड़ व अनहोनी होने से बच गई। मातावाला बाग में पर्याप्त समतल, सीधा मैदान उपलब्ध है। इसमें लाखों श्रद्धालु श्री झण्डे जी आरोहण का नयनविराम दृश्य देख सकते हैं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह स्थान काफी सुरक्षित है।
87 वर्षीय सरदार श्री जगतार सिंह ने बताया कि पिछले 58 सालों से वह श्री झण्डा जी आरोहण प्रक्रिया के सक्रिय सेवादार रहे हैं। मौसम चक्र परिवर्तन व लागातार हो रही बारिश के कारण ध्वज दण्ड को सूखने का समय ही नहीं मिल सका, इससे ध्वज दण्ड में लचक आ गई। प्रकृति की बदलती हुई फिजा से अब हमें ध्वज दण्ड के नये विकल्पों जैसे अष्टधातु के ध्वजदण्ड के बारे में सोचना चाहिए। संगतों व श्री दरबार साहिब प्रबन्ध समिति में अष्टधातु के ध्वजदण्ड के बारे में सहमति बनती जा रही है।
गुरु के रंग में रंगी रहीं संगत
लाई-लाई-लाई-लाई-लाई बाबे ने फुलां दी बरखा लाई………….,आज दी घड़ी बाबा जी रोज़-रोज़ आवे…………., मेला खुशियां दां आंदा है हर साल मेला खुशियां दा…………. फुल बरसांदी जांवा राह तेरे फुल बरसांदी जांवा, फड लै मेरियां बांवा दातया फुल बरसांदी जांवा…………., हर इक दी ओ सुणदां, ऐसे दाता मेहर लगाई, जिन्नी करई ओनी थोडी मेरे साहिब दी बढ़याई ऐ-मेरे साहिब दी वढेआई ए …………. जैसे भजनों पर संगतों ने जमकर नृत्य किया। नगर परिक्रमा के दौरान पूरी हर्ष-उल्लास व उमंग के साथ संगत गुरु के रंग मंे रंगी दिखी। नगर परिक्रमा में शामिल होने के लिए संगत में भारी उत्साह देखा गया। ढोल की थाप पर संगतों ने नृत्य किया व श्री गुरु महाराज के सिमरन में भेंटें गाई।